Last Updated: Monday, December 31, 2012, 20:35

नई दिल्ली: बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने दिल्ली गैंगरेप मामले पर कहा है कि अपराधियों को दिल्ली पुलिस का खौफ नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर अपराधियों में पुलिस का खौफ होता तो गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात को वह दिल्ली में अंजाम नहीं दे पाते। उन्होंने दिल्ली पुलिस की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि प्राइवेट बस मालिकों की पुलिस से मिली-भगत है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि दिल्ली गैंगरेप जैसी घटनाएं रोकने के लिए अपराधियों में पुलिस का खौफ होना जरूरी है और इसके लिए कानून में सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कानून में सुधार और उसकी सख्ती से ऐसे वारदातों पर अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मौत से बेहद दुखी है और पार्टी इस नए साल यानी 2013 का जश्न नहीं मनाएगी।
सुषमा ने संप्रग सरकार द्वारा बलात्कार के बाद हत्या करने के पांच मामलों के मृत्यु दंड पाए दोषियों की दया याचिका स्वीकार कर उन्हें मौत की सज़ा से मुक्ति देने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाना चाहिए और ऐसा करने वालों की दया याचिकाओं को सरकार को स्वीकार नहीं करना चाहिए।
विपक्ष की नेता ने कहा कि इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है और वर्तमान कानूनों की समीक्षा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने शिकायत की कि महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की उनकी मांग को भी नहीं माना गया।
सरकार पर उन्होंने केवल ड्रामा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़ित लड़की का जिस गोपनीयता से अंतिम संस्कार किया गया उसे वह गलत मानती हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार के बारे में सरकार हमें गुमराह करती रही। जेटली ने कहा कि अच्छी सभ्यता का मानदंड इस बात से मापा जाता है कि संबंधित समाज में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार होता है। लगता है सभ्यता के परीक्षण में हम असफल साबित हुए हैं। वक्त आ गया है जब सब सांसद साथ आएं और ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बनाएं। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 31, 2012, 12:35