Last Updated: Sunday, August 4, 2013, 00:23
नई दिल्ली : अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में भारतीय दूतावास पर एक बार फिर से हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने आज कहा कि अफगानिस्तान के सीमापार से संचालित होने वाली आतंकवादी मशीनरी वहां की सुरक्षा के लिए मुख्य खतरा है। वहीं, अफगानिस्तान ने भरोसा दिलाया कि वहां भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा।
पाकिस्तान की सीमा से लगे जलालाबाद शहर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर निशाना साधकर किये गये घातक हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गयी। इससे पहले खबरें थीं कि आईएसआई के समर्थन वाला हक्कानी नेटवर्क और अन्य संगठन अफगानिस्तान में भारतीय ठिकानों पर फिर से हमले की साजिश रच रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपने अफगान समकक्ष जालमेय रसूल से बात की और जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अफगान नेशनल पुलिस की कोशिशों को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया। उन्होंने बताया कि रसूल ने खुर्शीद से कहा, ‘भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा और अफगान सरकार भारत की अफगानिस्तान के साथ दोस्ती के प्रति विद्वेष रखने वालों की सभी कोशिशों का मुकाबला करेगी।’
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘इस हमले ने एक बार फिर उजागर किया है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता को आतंकवाद तथा आतंकवादी मशीनरी से खतरा है जो उसकी सीमा पार से संचालित होती हैं।’ उन्होंने कहा कि इस हमले की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए जिसमें बेगुनाह बच्चों समेत अफगान नागरिक मारे गये और अफगान पुलिस के जवान समेत कई लोग घायल हो गये।
हालांकि प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस हमले से डिगेगा नहीं और अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण तथा विकास के प्रयासों में उसकी मदद करता रहेगा। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से यह न केवल भारत के खिलाफ हमला है बल्कि कई दशकों के संघर्ष की त्रासदी को झेल रही अफगान जनता को इससे उबारने में मदद करने के प्रयासों पर भी हमला है।’ वाणिज्य दूतावास पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले 2007 में भी इसी तरह का हमला हुआ था। काबुल में भारतीय दूतावास पर भी 2008 में जानलेवा हमला हुआ था और 2009 में इस पर भी दोबारा निशाना साधा गया था।
पहले किये गये हमलों के पीछे पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले हक्कानी नेटवर्क की भूमिका का ही पता चला था। समझा जाता है कि भारत सरकार को जलालाबाद समेत कुछ जगहों पर अपने वाणिज्य दूतावासों पर आतंकवादी हमले की आशंका की जानकारी मिली थी जिसके बाद एक दल ने पिछले सप्ताह वाणिज्य दूतावासों और काबुल में दूतावास का दौरा किया। जलालाबाद के अलावा तीन और शहरों - हेरात, मजार-ए-शरीफ और कंधार में भारत के वाणिज्य दूतावास हैं। खुफिया खबरों के अनुसार हक्कानियों के अलावा पाकिस्तान के छोटे आतंकवादी संगठनों से भी सुरक्षा खतरा था जिसके बाद अफगानिस्तान में भारत के राजदूत अमर सिंह सलाह-मशविरे के लिए यहां मुख्यालय आये थे।
इस बीच अकबरद्दीन ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के उन बहादुर सुरक्षाकर्मियों के प्रति दिल से शुक्रगुजार है जिन्होंने भारतीय वाणिज्य दूतावास की हिफाजत करते हुए अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा, ‘हम इस हमले के दौरान जान गंवाने वाले बेगुनाह अफगान नागरिकों के परिवारों के प्रति अपना दुख और संवेदना जाहिर करते हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 4, 2013, 00:23