Last Updated: Sunday, February 10, 2013, 19:43

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की आज तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इससे घाटी के युवाओं की पीढ़ियों में फिर से अलगाव और अन्याय की भावना पैदा होगी।
उमर ने कहा कि यह ‘दुखद’ है कि फांसी से पहले गुरु को अपने परिवार से मिलने नहीं दिया गया और ‘अंतिम विदाई’ की भी अनुमति नहीं दी गई।
संसद पर हमला मामले में अभियुक्त 43 वर्षीय अफजल को शनिवार को गोपनीय प्रक्रिया में फांसी दे दी गई और तिहाड़ जेल परिसर में ही दफनाया दिया गया।
अफजल गुरु की फांसी से नाराज दिख रहे उमर ने कहा कि कई सवाल थे जिनका जवाब दिए जाने की जरूरत थी।
उमर ने कहा कि गुरु की फांसी का दीर्घावधिक निहितार्थ ‘काफी चिंताजनक’ है क्योंकि वे कश्मीर में युवाओं की नई पीढ़ी से संबंधित हैं जो मकबूल भट्ट मामले से नहीं परिचित हों लेकिन वे अफजल गुरु से परिचित होंगे। भट्ट को भारतीय राजनयिक रवींद्र महात्रे की ब्रिटेन में हत्या मामले में 1984 में फांसी दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने टीवी साक्षात्कारों में कहा, ‘कृपया यह समझिए कि कश्मीरियों की एक से अधिक पीढ़ी है जो अपने को पीड़ित के रूप में देखती है, जो अपने को उस श्रेणी के लोगों में देखते हैं जिन्हें न्याय नहीं मिलेगा।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 10, 2013, 19:05