Last Updated: Wednesday, February 13, 2013, 11:24
ज़ी न्यूज ब्यूरोश्रीनगर: चंद दिन पहले फांसी पर लटकाए गए संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरू को जम्मू कश्मीर में दफनाने के लिए कब्र खोदी गई है। तिहाड़ जेल में फांसी देने और दफनाने के चार दिन बाद अफजल को अलगाववादियों ने शहीद-ए-वतन का दर्जा दिया है। अफजल गुरु के नाम की एक खाली कब्र श्रीनगर के ईदगाह में मजार-ए-शौदा में तैयार की गई है।
मजार-ए-शौदा में ही जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे मोहम्मद मकबूल बट्ट की भी कब्र मौजूद है और वह भी खाली है। मकबूल बट्ट को भी तिहाड़ जेल में 11 फरवरी 1984 को फांसी दी गई थी।
वर्ष 1990 में उसके लिए यहां यह कब्र बनाई गई थी जो कि अब तक उसके अवशेषों का इंतजार कर रही है। जेकेएलएफ गुट के उपाध्यक्ष ताहिर अहमद मीर का कहना है कि हमने कब्र पर गुरू के अवशेषों की मांग करता हुआ पत्थर लगाया है। गौरतलब है कि अफजल को फांसी देने के बाद दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही दफनाया गया है।
First Published: Wednesday, February 13, 2013, 11:24