Last Updated: Tuesday, August 21, 2012, 11:43

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: भारत सरकार अफवाहों के बाद पूर्वोत्तर के लोगों के पलायन के मसले पर अमेरिका से मदद मांग सकती है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों से इस मामले की तह तक जाने के लिए मदद की गुहार लगा सकती है। मदद के तहत उन सामग्रियों की जांच पर जोर होगा जिसके बाद अफवाह ने विकराल रुप धारण कर लिया और पूर्वोत्तर के लोग घर वापसी का रुख करने लगे।
भारत सरकार इस मदद के जरिए अमेरिका से उन मसलों पर सहायता चाहेगी कि धमके भरी तस्वीरें ,वीडियो और एसएमएस पाकिस्तान में कहां से पोस्ट किए गए।
इस बीच दहशत के कारण पूर्वोत्तर के लोगों के कई राज्यों के बड़े शहरों से पलायन करने के मद्देनजर सरकार ने सोमवार को 250 से अधिक वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया। इन वेबसाइटों पर वीडियो व तस्वीरें विकृत रूप में अपलोड की जा रही थीं।
सोमवार को वेबसाइटों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक, गूगल और ट्विटर सहित इसी तरह के लगभग 80 इंटरनेट पेजों और यूजर अकाउंटों को बंद कर दिया गया। कहा गया है कि इन वेबसाइटों पर घृणा फैलाने वाले संदेश प्रसारित किए जा रहे थे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाया गया कि इन वेबसाइटों पर पूर्वोत्तर के लोगों को निशाना बनाकर शत्रुतापूर्ण प्रचार किया जा रहा था और अफवाह फैलाई जा रही थी, ताकि उन लोगों के बीच दहशत फैले।
सरकार ने शनिवार को 76 इंटरनेट साइटों को बंद करने का आदेश दिया था। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि पाकिस्तान के असामाजिक तत्व कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में रह रहे पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के बीच दहशत फैलाने के लिए इन साइटों का उपयोग कर रहे थे।
सरकार ने सोशल नेटवर्किग साइटों पर भेजे गए फर्जी संदेशों की जांच का आदेश दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इस संबंध में सबूत जुटा रहा और विदेश मंत्रालय के साथ परामर्श कर रहा है कि ये सबूत किस तरह पाकिस्तान सरकार को पेश किए जाएं।
First Published: Tuesday, August 21, 2012, 11:34