Last Updated: Thursday, November 10, 2011, 13:12
रालेगणसिद्धि (महाराष्ट्र) : गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण के बयान पर उनसे सवाल किया है कि क्या सिर्फ चुनाव लड़ने वाले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि अब यह कहा जा रहा है कि अन्ना को चुनाव लड़ना चाहिए। क्या इसका अर्थ यह है कि जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल रहा है उसे चुनाव लड़ना होगा? यदि ऐसा है तो देश के 120 करोड़ लोगों को चुनाव में खड़ा होना चाहिए, उसके बाद ही वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल सकेंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिकों ने चुनाव लड़ा है मगर किसी ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कुछ भी नहीं किया। अन्ना ने कहा कि पिछले 62 सालों में आपने ऐसा कानून नहीं बनाया जो भ्रष्टाचार से निबट सके। गांधीवादी कार्यकर्ता की यह प्रतिक्रिया चव्हाण के उस बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह ‘स्पष्ट’ है कि अन्ना के सहयोगी राजनीति में आना चाहते हैं। उन्होंने उनसे खुलकर सामने आने को कहा।
चह्वाण ने कहा था, ‘अगर आप राजनीति में हिस्सा लेना चाहते हैं, आप इसमें शामिल हों, राजनीति समृद्ध होगी। अब यह स्पष्ट है कि उनके सहयोगी राजनीति में आना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा था कि उन्हें एक स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए या तो वह चुनाव लड़ें या किसी का समर्थन करें। लेकिन नाकारात्मक रुख अपनाने का कोई अर्थ नहीं है कि अगर विधेयक (जनलोकपाल) पारित नहीं हुआ तो हम विरोध करेंगे (कांग्रेस) का विरोध करेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 11, 2011, 00:53