Last Updated: Friday, January 18, 2013, 17:03

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
जयपुर : गुलाबी नगरी में कांग्रेस के चिंतन शिविर का शुक्रवार को आगाज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा कि यह आत्मचिंतन का वक्त है और इसके लिए बैठक काफी जरूरी है। बदलते भारत को हमें पहचानना होगा। साथ ही, हमें गठबंधन धर्म निभाना पड़ेगा। निजी फायदा छोड़कर एक साथ काम करने की जरूरत है। कई राज्यों में सत्ता में न होना चिंता का विषय है। जिन राज्यों में सत्ता में नहीं हैं, वहां साथ काम करने की जरूरत है।
सोनिया ने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और हमारे परंपरागत गढ़ में सेंध लगी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि हमने बहुत से अवसर सिर्फ इसलिए गंवाए क्योंकि हमने एक टीम के तौर पर काम नहीं किया।
सोनिया दो टूक शब्दों में अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि अनुशासनहीनता, निजी महात्वाकांक्षाओं और अहम के कारण हमने ऐसे कई अवसर गंवा दिए जो हमें देशवासी देना चाहते थे। सोनिया ने यहां कांग्रेस के दो दिवसीय चिन्तन शिविर में अपने प्रारंभिक भाषण में पार्टीजन से सवाल किया कि क्या ऐसा नहीं है कि हमने सिर्फ इस वजह से ऐसे कई अवसर गंवा दिये हैं, जो देशवासी हमें देना चाहते हैं क्योंकि हम एक अनुशासित और संगठित टीम की तरह काम करने में नाकाम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन राज्यों में जहां हमारी सरकारें नहीं हैं, वहां हमें अपनी निजी महात्वाकांक्षाओं और अहम को भुलाकर फौरन एकजुट होना चाहिए। जिससे पार्टी की जीत हो। हम ये क्यों भूल जाते हैं कि पार्टी की जीत ही हम सबकी जीत है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी इसे लेकर काफी गंभीर है। पड़ोसी के साथ बातचीत सभ्य बर्ताव के सिद्धांतों पर ही स्वीकार्य होगा। आज सरकार से देश की उम्मीदें बढ़ रही हैं। बदलते भारत को पहचानना होगा। उन्होंने कहा कि नौ साल में देश का काफी विकास हुआ है। सामाजिक दायित्व के साथ विकास जरूरी है। किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी गई।
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास का फायदा सभी को मिले, ऐसी हमारी मंशा है। पार्टी का ध्यान हमेशा सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास पर रहा। हमें समाज के कमजोर वर्ग की चिंता है। मनरेगा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे करोड़ों लोगों को फायदा मिला है। देश का कई हिस्सा अब भी काफी पिछड़ा हुआ है और इसके विकास के लिए समुचित कदम उठाए जाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए कहा कि महिलओं के खिलाफ बढ़ते अपराध शर्मनाक हैं। महिलाओं पर अत्याचार को ‘सामूहिक अंतरात्मा का कलंक’ बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात पर पीड़ा जाहिर की कि देश में बच्चियों के प्रति भेदभाव अभी भी जारी है। चिन्तन शिविर में सोनिया ने इस बात पर दु:ख और पीड़ा जाहिर की कि देश में बच्चियों के प्रति भेदभाव अभी भी जारी है।
उन्होंने कहा कि शहरों और गांवों में महिलाओं पर अत्याचार बहुत शर्मनाक और हमारी सामूहिक अंतरात्मा पर कलंक के समान है। उन्होंने कहा कि विधवाओं से पेश आने का हमारा तरीका, आर्थिक रूप से बेहतर इलाकों में कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं और बच्चों की खरीद फरोख्त और बेखौफ यौन हिंसा जैसे विचलित करने वाले रवैये के खिलाफ समाज को झकझोरने और आंखें खोलने की सख्त जरूरत है।
उन्होंने पार्टीजन से किफायतकुशा होने के लिए भी कहा। खर्चीली शादियों से यह सवाल आएगा कि धन कहां से आया। चूंकि जनता सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के स्तर से वाकई उब चुकी है। हम मध्य वर्ग को पथभ्रमित होने नहीं दे सकते हैं।
सोनिया ने कहा कि हमारी उपलब्धियों का एक भरा पूरा इतिहास है। समाज के सभी वर्ग हमसे जुड़े हैं। हम सभी वगो’ के हितों और चिन्ताओं के लिए आवाज बुलंद करते हैं खासकर कमजोर वर्गों जैसे दलित आदिवासी अल्पसंख्यक और महिलाएं। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा किसानों और खेतिहर मजदूरों के हितों की अगुवाई की है। सबका समावेशी दृष्टिकोण हमारे लिए सिर्फ चुनाव जीतने और सरकार चलाने की कोई राजनीतिक चाल नहीं है। यह समावेश हमारी विचारधारा का संबल है। यह किसी मजबूरी का नतीजा नहीं है, जैसे हमारे कुछ विरोधियों के लिए है।
गौर हो कि कांग्रेस का यह चिंतन शिविर दो दिन तक चलेगा। इस दौरान 2014 के आम चुनाव पर पार्टी स्तर पर मंथन किया जाएगा।
First Published: Friday, January 18, 2013, 14:45