Last Updated: Wednesday, November 2, 2011, 09:40
जी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : पेट्रोल की कीमत बढ़ाने को लेकर बीते दिनों तेल कंपनियों के दबाव के बाद अब डीजल और एलपीजी के दाम में भी बढ़ोतरी किए जाने के पूरे आसार हैं। पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने बुधवार को इस मामले में ईजीओएम की बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने पर चर्चा होगी।
संसद के शीत सत्र के दौरान या बाद में डीजल और एलपीजी के दाम बढ़ाए जा सकते हैं। पेट्रोल की कीमतों में 1.80 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की संभावना संबंधी खबर के बीच, जयपाल रेड्डी ने कहा कि यह पब्लिक सेक्टर की कंपनियों की तरफ से तय किया जाना है कि सही समय पर पेट्रोल के दाम कब बढ़ाए जाएं। हालांकि उच्च स्तरीय सूत्रों ने जी न्यूज से कहा कि पेट्रोल की कीमतों में अभी फिलहाल बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन निकट भविष्य में इसकी कीमतों में इजाफा तय है।
डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की बिक्री पर तेल कंपनियों के बढ़ते नुकसान को देखते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने इनके दाम बढ़ाने पर विचार के लिए प्राधिकृत मंत्री समूह की बैठक बुलाने पर जोर दिया है। इस बीच, पेट्रोलियम मंत्रालय ने चालू वित्त की पहली छमाही में पेट्रोलिमय कंपनियों को मूल्य नियंत्रण के कारण हुई राजस्व हानि की आंशिक भरपाई के लिए वित्त मंत्रालय से 28,000 करोड़ रुपये की मांग की है।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात के बाद रेड्डी ने बुधवार को यहां डीजल और मिट्टी के तेल के दाम में संशोधन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मैंने प्राधिकृत मंत्री समूह की बैठक बुलाने को कहा है। उल्लेखनीय है कि इस मंत्री समूह के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ही हैं।
रेड्डी ने कहा मंत्री समूह की बैठक संसद के शीतकालीन सत्र से पहले हो सकती है। शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से शुरू होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि इन पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाने का फैसला लेना आसान नहीं होगा। मंत्री समूह में संयुक्त प्रगतिशील गठबंघन (संप्रग) सरकार के महत्वपूर्ण घटकों के मंत्री शामिल हैं। इसमें द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और नेशनल कंफ्रेस के मंत्रियों को शामिल किया गया है ताकि राजनीतिक तौर पर संवेदनशील इस मुद्दे पर आमसहमति से निर्णय लिया जा सके। पेट्रोल के दाम बढ़ाने की तेल कंपनियों के दबाव के बारे में पूछे जाने पर रेड्डी ने कहा कि कंपनियां इस बारे में फैसला लेने को पूरी तरह अधिकृत हैं।
पेट्रोल के दाम पर पेट्रोलियम मंत्रालय का नियंत्रण नहीं है। पिछले साल जून में इसे समाप्त कर दिया गया था। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की बिक्री पर इन दिनों 333 करोड़ रुपये दैनिक कमाई का नुकसान हो रहा है। मौजूदा मूल्य पर डीजल की बिक्री पर 9.27 रुपये, राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल पर 26.94 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर पर 260.50 रुपये प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है।
हालांकि सरकार ने एक साल के भीतर जून के बाद डीजल, एलपीजी और केरोसीन की कीमतों में बढ़ोतरी करने का सख्त कदम उठाया है। उस समय डीजल की कीमतों में तीन रुपये प्रति लीटर, केरोसीन दो रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस के 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए गए थे।
First Published: Thursday, November 3, 2011, 10:12