Last Updated: Friday, April 6, 2012, 09:24
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली: पेशेवर लोगों की मदद से सरकार अब माओवाद प्रभावित इलाकों में सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की बुनियाद रखेगी। खासकर पिछड़े क्षेत्रों में अपनाई जा रही इस योजना के जरिए लोगों के आपसी विश्वास को जीतने की भी कोशिश होगी ताकि इन इलाकों में सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को बल मिल सके।
केंद्रीय ग्रामीण एवं विकास मंत्री जयराम रमेश ने इस मद्देनजर एक स्कीम लॉन्च की। इसके तहत मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग और दूसरे क्षेत्रों से जुड़े पेशेवर लोगों को रखा जाएगा जो सरकार के अधीन चल रहे उन 78 जिलों में सरकारी कार्यक्रमों की निगरानी करेंगे जो कट्टरपंथी वाम अंग से जुड़ी समस्या से ग्रस्त है।
PMRDFS यानी प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलो स्कीम हैदराबाद में शनिवार को अधिकारिक रूप से लॉन्च की गई। इस योजना के तहत 6000 आवेदकों में से 156 पेशेवर लोगों का चुनाव किया गया। 21 से 30 वर्ष की उम्र के चुने गए पेशेवरों को उनकी ट्रेनिंग अवधि के दौरान 50 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाएगा। उसके बाद उनका वेतन 75 हजार रुपए मासिक हो जाएगा।
दो पेशेवरों को दो साल के लिए इन जिलों में तैनाती की जाएगी जहां सरकार एक विशेष कार्यक्रम इंटेग्रेटेड एक्शन प्लान पहले ही लॉन्च कर चुकी है। उन्हे्ं वहां के जिला कलेक्टरों के साथ जोड़ दिया जाएगा और ये पेशेवर सरकारी योजना के बेहतर प्रदर्शन में अपना योगदान देंगे। जिन पेशेवरों को नियुक्त किया गया है उनके कामकाज के दायरे में लोगों के साथ बातचीत, स्थानीय लोगों के साथ संपर्क साध कर सरकारी योजना प्रभावकारी तरीके से लागू हो सके यह सुनिश्चित करना भी होगा।
(डीएनए)
First Published: Friday, April 6, 2012, 14:55