Last Updated: Wednesday, May 30, 2012, 16:56
नई दिल्ली : करीब ग्यारह साल पहले आतंकवादी हमले का शिकार हुई भारतीय संसद की सुरक्षा में ग्लाक पिस्टल, स्निपर राइफल और अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक गैजेट (उपकरण) से लैस ताकतवर और फुर्तीले कमांडो तैनात होंगे। ये कमांडो लोकतंत्र के इस मंदिर पर न सिर्फ किसी संभावित सामान्य हमले बल्कि परमाणु और जैव-रासायनिक हमले से भी निपटने में सक्षम होंगे।
देश की एक प्रमुख सुरक्षा एजेंसी के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने विशेष कमांडो दस्ते की तैनाती के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें महिला कमांडो सहित 1540 जवान शामिल होंगे और इनके पास अत्याधुनिक हथियार और अन्य साज सामान होंगे।
अधिकारी ने बताया कि कमांडो दस्ते में केवल उन्हीं जवानों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने न सिर्फ कमांडो और युद्धकौशल का परीक्षण लिया हो बल्कि वे संभावित परमाणु और जैव-रासायनिक हमले से उत्पन्न आपात स्थिति से निपटने में भी सक्षम होने चाहिए। उन्होंने बताया कि कमांडो प्रशिक्षण प्राप्त इस दस्ते के जवानों को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से लिया जाएगा।
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने भाषा को बताया कि यह नया दस्ता संसद भवन परिसर में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहेगा । संसद भवन परिसर में आवाजाही के लिए उनके पास विशेष वाहन भी होंगे। अधिकारी ने बताया कि विशेष कमांडो दस्ते को संसद ड्यूटी समूह (पीडीजी) कहा जाएगा और ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि ऐतिहासिक संसद भवन की सुरक्षा के लिए एक समान सशस्त्र सुरक्षा प्रणाली होगी।
विशेष दस्ता संसद भवन की मुख्य इमारत, स्वागत कक्ष वाले भवन, संसदीय सौध और संसद के पुस्तकालय की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगा। इस दस्ते को जल्द तैनात किया जाएगा और यह संसद भवन के एक अतिरिक्त सचिव (सुरक्षा) की कमान में काम करेगा। स्क्वायड के प्रभारी सीआरपीएफ के महानिदेशक होंगे। पीडीजी संसद की सुरक्षा इकाई, दिल्ली पुलिस और नियमित सीआरपीएफ जवानों के साथ समन्वय कर काम करेगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 30, 2012, 16:56