Last Updated: Tuesday, January 17, 2012, 14:57
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अबू सलेम प्रत्यर्पण मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। पुर्तगाली हाईकोर्ट ने फैसला किया था कि सलेम पर भारत में नए आरोप लगाए जाने से प्रत्यर्पण नियमों का उल्लंघन हुआ है, जिनमें मौत की सजा तक हो सकती है।
पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के इस फैसले को बरकरार रखा कि भारत के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि का अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के मामले में उल्लंघन किया गया। सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के विरोध में सीबीआई पुर्तगाल की संवैधानिक अदालत से संपर्क करेगी। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में सलेम के मामले की सुनवाई में किसी अप्रत्यक्ष परिणाम की उम्मीद नहीं है।
पुर्तगाल की सुप्रीम कोर्ट ने लिस्बन की निचली अदालत के फैसले के खिलाफ भारत की अपील खारिज कर दी है। इस फैसले के बाद अबू सलेम फिर से पुर्तगाल जा सकता है। निचली अदालत ने अबू सलेम के भारत प्रत्यर्पण को रद्द करने का आदेश दिया था।
पुर्तगाल ने सलेम (43) को 2005 में भारत को प्रत्यर्पित किया था। उसने लिस्बन स्थित हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विशिष्टता कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने पिछले साल 19 सितंबर को फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि भारत द्वारा पुर्तगाली अधिकारियों को दिए गए हलफनामे का उल्लंघन हुआ है। भारत ने पुर्तगाल को आश्वासन दिया था कि सलेम को सजा-ए-मौत नहीं दी जाएगी या कानून की किसी धारा के तहत ऐसा आरोप नहीं लगाया जाएगा जिसमें 25 साल से अधिक की सजा हो सकती हो।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने विदेश मंत्रालय के जरिए पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तर्क दिया था कि यह भारत की सर्वोच्च अदालत द्वारा विशिष्टता कानून को परिभाषित किए जाने का मामला है जो देश की सभी अधीनस्थ अदालतों के लिए बाध्यकारी है।
सलेम ने टाडा अदालत में आवेदन दाखिल कर 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में अपने खिलाफ जारी मुकदमे को बंद करने की अपील की। उसने कहा कि इस मुकदमे का जारी रहना अवैध होगा। मुंबई की टाडा अदालत सलेम के आवेदन पर बुधवार को सुनवाई करेगी।
First Published: Wednesday, January 18, 2012, 00:48