Last Updated: Wednesday, August 21, 2013, 15:56
श्रीनगर : दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित अमरनाथ गुफा की लगभग दो महीने चलने वाली तीर्थ यात्रा अंतिम पूजा के बाद बुधवार को संपन्न हो गई। अंतिम प्रार्थना में 300 तीर्थयात्रियों एवं पुरोहितों ने हिस्सा लिया।
शिव के पवित्र गदा (छड़ी मुबारक) के संरक्षक स्वामी दीपेंद्र गिरि यात्रा के समापन का संदेश लेकर बुधवार सुबह पवित्र गुफा में पहुंचे। स्वामी दीपेंद्र गिरि ने बताया कि पवित्र गुफा में पूजा पारंपरिक विधि के साथ सुबह संपन्न हुई। लगभग 300 श्रद्धालुओं ने पूजा में हिस्सा लिया। हम छड़ी मुबारक के साथ अपने घर वापस लौट रहे हैं।
इस साल 3.5 लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ के दर्शन किए। पिछले साल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग छह लाख थी। उत्तराखंड आपदा से लोगों के बीच उपजे भय को इस साल अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों की कम संख्या की वजह माना जा रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अधिकारियों ने यात्रा को नियंत्रित रखने में पूरी सावधानी बरती। इस यात्रा में किसी गैरपंजीकृत यात्री को शामिल होने नहीं दिया गया। पंजीकृत यात्रियों को सिर्फ उनके तय अवधि के दिन यात्रा करने की इजाजत दी गई। बालटाल और नुनवान आधार शिविर से पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले यात्रियों को भी नियंत्रित किया गया। बालटाल और नुनवान से प्रत्येक दिन 7,500 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत दी गई।
28 जून से शुरू हुई और 21 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त हुई इस यात्रा के दौरान 14 तीर्थयात्रियों की प्राकृतिक आपदा में मौत हो गई। राज्यपाल और यात्रा का प्रबंधन करने वाले श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष एन.एन. वोहरा पांरपरिक रूप से यात्रा के आखिरी दिन पूजा में शामिल होने वाले थे। एसएएसबी के सूत्रों के मुताबिक, खराब मौसम की वजह से उन्हें वहां नहीं जाने दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 21, 2013, 15:56