अमरनाथ यात्रियों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट हैरान

अमरनाथ यात्रियों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट हैरान

अमरनाथ यात्रियों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट हैराननई दिल्ली: पवित्र अमरनाथ गुफा में हिमलिंगम के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की मौत के बढ़ते मामलों से क्षुब्ध उच्चतम न्यायालय ने आज जम्मू कश्मीर सरकार से यात्रियों के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता दल तैनात करने को कहा।

अब तक, अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले 97 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को श्रद्धालुओं के वास्ते आवश्यक चिकित्सा दल तैनात करने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश तथा पंजाब की सरकारों की मदद लेना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा ‘हम चिंतित हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि और मौतें न हो।’ पीठ ने अपने द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार समिति से पवित्र गुफा के समीप लगाए गए लोहे के द्वार को हटाने पर विचार करने को कहा। इस द्वार के कारण श्रद्धालुओं को असुविधा होती है और बर्फ भी पिघलती है। पीठ ने समिति से यह द्वार हटा कर उसकी जगह फाइबर का द्वार लगाए जाने पर विचार करने को कहा।

उच्चतम न्यायालय ने अमरनाथ श्रद्धालुओं के हताहत होने के बढ़ते मामलों पर रोक के उपाय सुझाने के लिए 20 जुलाई को एक समिति गठित करते हुए कहा था कि यह एक स्थायी समस्या बन गई है।

न्यायालय ने अमरनाथ यात्रा के दौरान समुचित सुविधाओं और इलाज के अभाव में श्रद्धालुओं की मौत के बारे में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश था। समिति में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों के सचिव और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव को शामिल किया गया है । समिति को अमरनाथ गुफा का दौरा करने और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल को रिपोर्ट देनी है। इसके बाद यह रिपोर्ट न्यायालय में 10 अगस्त तक पेश की जानी है।

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष हैं और एसएएसबी सालाना अमरनाथ यात्रा संपन्न कराता है। उच्चतम न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि समिति में राज्य पुलिस, अर्धसैनिक बलों यानी सीआरपीएफ तथा बीएसएफ, सीमा सड़क संगठन आदि के महानिदेशक, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ और एक पर्यावरणविद होंगे। इस पर्यावरणविद को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल नामांकित करेंगे।

समिति विभिन्न मुद्दों की जांच कर रिपोर्ट देगी। इन मुद्दों में मार्ग चौड़ा करना, श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच करना, उनके लिए चिकित्सा सुविधाओं में सुधार, पर्याप्त सुरक्षा कर्मी तैनात करना और पर्यावरण पर प्रभाव का आकलन करना शामिल है।

पूर्व में न्यायालय ने अमरनाथ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं की मौत के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी और केंद्र तथा राज्य सरकार से हताहतों की संख्या बढ़ने का कारण पूछा था। न्यायालय ने श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं की विस्तृत जानकारी भी जाननी चाही थी।

न्यायालय ने मार्ग पर और अमरनाथ गुफा के आसपास श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं के अभाव का जिक्र करते हुए कहा था कि यात्रियों को बिना किसी सुविधा और स्वास्थ्य संबंधी समुचित देखभाल के, ग्लेशियरों पर ठहरना पड़ता है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 24, 2012, 00:09

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