Last Updated: Monday, July 16, 2012, 10:50

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: आतंकी और खूनी वारदात के नाम पर जुटाए गए विदेशी फंड के इस्तेमाल पर हुए ताजा खुलासे ने सबको चौंका दिया है। आतंकी घटनाओं के लिए आने वाले विदेशी फंड का इस्तेमाल अय्याशी यानी अपने इस्तेमाल के लिए करने का खुलासा हुआ है।
हाल ही में देश हुए बम धमाकों की घटनाओं की जांच के दौरान यह बात सामने आई है। छोटे-मोटे आतंकी ही नहीं बल्कि इंडियन मुजाहिदीन के सीनियर कमांडर भी विदेशों से आ रहे पैसे का इस्तेमाल अपनी अय्याशी के लिए कर रहे हैं।
8 जून को पुणे की यरवदा जेल में कत्ल किए गए कतील सिद्दिकी से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है। कतील से एटीएस के जांचकर्ताओं ने पूछा कि उसने आईएम में नए लोगों की भर्ती के लिए मिले 1 लाख रूपए कहां खर्च किए। पहले तो उसने कुछ भी बताने से इस बारे में इंकार किया लेकिन कड़ाई से पूछने पर उसने बताया कि उसने पैसों को दो लड़कियों पर खर्च किया था। पूछताछ के दौरान कतील ने यह भी बताया था कि उसकी इंडियन मुजाहिदीन की विचारधारा में कोई दिलचस्पी नहीं है बल्कि उसकी दिलचस्पी फंड का खुद पर इस्तेमाल में है।
First Published: Monday, July 16, 2012, 10:50