Last Updated: Monday, February 18, 2013, 18:45

नई दिल्ली : भाजपा का हमला झेल रहे भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के प्रमुख मार्कंडेय काटजू ने आज आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता अरूण जेटली तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर ‘‘गैरजिम्मेदाराना’’ आरोप लगा रहे हैं। इसके साथ ही काटजू ने कहा कि उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में अपनी टिप्पणी पर कायम रहते हुए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश काटजू ने कहा, ‘‘अरूण जेटली ने मेरे इस्तीफे की मांग की है, मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं।’’ मोदी के संबंध में उनकी राय को लेकर जेटली ने काटजू के खिलाफ टिप्पणी की थी।
‘‘राजनीतिक’’ टिप्पणी को लेकर उन्हें पद से हटाए जाने की भाजपा की मांग के बाद काटजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने मेरे खिलाफ गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी की है, उन्होंने मुझे महत्वाकांक्षी बताया और उन्होंने सभी प्रकार की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। यह उनके जैसे कद का दावा करने वाले व्यक्ति के लिए उचित नहीं है। ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और संन्यास ले लेना चाहिए। वह राजनीति में रहने योग्य नहीं हैं।’’
जेटली के गैर कांग्रेसी सरकारों के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने संबन्धी आरोप पर काटजू ने कहा कि तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया और उन पर सिर्फ गैर कांग्रेसी सरकारों के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया जबकि तथ्य यह है कि उन्होंने (काटजू ने) कांग्रेस सरकारों के खिलाफ भी टिप्पणी की है। अवकाशग्रहण करने के बाद न्यायाधीशों की नियुक्ति की भाजपा द्वारा आलोचना किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए काटजू ने कहा कि भाजपा नेता भूल गए हैं कि जब राजग सरकार सत्ता में थी और वह :जेटली: कानून मंत्री थे, तब कई सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अरूण जेटली क्या निर्थक बात कर रहे हैं? उनकी अपनी ही सरकार ने कई नियुक्तियां कीं। उस समय अरूण जेटली ने राजग सरकार द्वारा की जा रही नियुक्तियों पर क्यों नहीं आपत्ति की।’’ काटजू ने कहा कि अगर जेटली अवकाशग्रहण के बाद होने वाली नियुक्तियों के खिलाफ थे तो उन्हें कहना चाहिए था कि भाजपा कुछ गलत कर रही है और वह इस्तीफा दे रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 18, 2013, 18:34