Last Updated: Friday, March 16, 2012, 09:50
नई दिल्ली : बजट को दिशाहीन और आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला करार देते हुए वाम दलों ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए आम लोगों पर बोझ डालने का काम किया है। साथ ही बजट में बेरोजगारी दूर करने, किसानों को राहत प्रदान करने और महंगाई पर प्रभावी नियंत्रण के कोई उपाए नहीं किए गए हैं। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज आम बजट में जो खाका पेश किया है वह आम आदमी के उपर आर्थिक बोझ और बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि साधन संपन्न लोगों पर बोझ डालना चाहिए था और मेहनतकश जनता को राहत देनी चाहिए थी। लेकिन संप्रग सरकार ने प्रत्यक्ष कर में तो राहत दी है, जिससे साधन संपन्न लोगों को फायदा मिलेगा लेकिन अप्रत्यक्ष कर में तकरीबन 45 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी से मेहनतकश जनता पर सीधे.सीधे बोझ डालने का काम किया है। भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने कहा कि यह बजट अर्थहीन और दिशाहीन है। यह बजट लिपिकीय आंकड़ेबाजी से भरा हुआ है जिसमें अर्थव्यवस्था और आम लोगों की दशा सुधरने के लिए ठोस दिशा नहीं दिखाई देती है।
दासगुप्ता ने कहा कि बजट में रोजगार सृजन के उपाए नहीं किए गए हैं। साइकिल पर कर बढ़ाया गया जबकि सेवाकर में 2 प्रतिशत की ही वृद्धि की गई है। यह एक अपर्याप्त बजट है जिसमें माध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। यह मजदूर विरोधी बजट है। इस बजट में आम लोगों को राहत प्रदान करने के कोई उपाए नहीं किए गए हैं।
येचुरी ने कहा कि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से उठ खड़े होने के मोड़ पर है लेकिन उन्होंने इसके लिए जो नक्शा पेश किया है, उससे स्पष्ट है कि यह बजट आम आदमी के उपर आर्थिक बोझ और बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को घाटे को कम करने के लिए प्रत्यक्ष कर के आधार पर साधन संपन्न लोगों पर बोझ डालकर आम आदमी को राहत देनी चाहिए थी लेकिन बजट में अप्रत्यक्ष कर में वृद्धि कर आम आदमी पर भार डाला गया है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 16, 2012, 15:20