Last Updated: Thursday, January 24, 2013, 14:09

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने गुरुवार को मांग की कि केन्द्रीय उर्वरक मंत्री और द्रमुक सांसद एम के अलागिरी को उर्वरक सब्सिडी के कथित घोटाले में शामिल होने के कारण मंत्रिमंडल से हटा दिया जाए।
जया ने एक बयान में कहा कि खबरों के मुताबिक उर्वरक कंपनियों ने किसानों को रियायत देने के नाम पर द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि के पुत्र अलागिरी के नेतृत्व वाले उर्वरक मंत्रालय की वजह से करीब एक हजार करोड़ रूपए का मुनाफा कमाया। सरकारी धन को लूटा गया और इससे केन्द्र सरकार तथा किसानों ने 1000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाया।
जयललिता अपने चिर प्रतिद्वंद्वी करूणानिधि के परिवार को निशाना बनाने का कोई मौका नहीं चूकते हुए उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अलागिरी को मंत्रिमंडल से निकालें और इस मामले पर सीबीआई जांच का आदेश देकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि अलागिरी ने उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत जेना के उस प्रपत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की, जिसमें उन्हें अनियमितताओं के बारे में बताया गया था और उनसे सरकार को किसानों को होने वाले 1000 करोड़ रूपए के घाटे को रोकने को कहा गया था। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 26 जून को सिंह को लिखा था और केन्द्र की उर्वरक नीति में परिवर्तन करने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि लोगों में यह धारणा है कि उनके पत्र पर कोई कार्रवाई न होने और जेना के पत्र पर अलागिरी की खामोशी का मतलब कहीं यह तो नहीं है कि उर्वरक में रियायत भ्रष्टाचार के लिए ही दी गई थी। मामले पर अलागिरी की खामोशी पर उन्होंने कहा कि ‘‘चुप रहना स्वीकारोक्ति :भ्रष्टाचार की: के बराबर है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 24, 2013, 14:09