Last Updated: Sunday, March 3, 2013, 19:03

नई दिल्ली : भाजपा के तीन दिवसीय जमावड़े में शुरू से अंत तक छाये रहे नरेंद्र मोदी पार्टी के सबसे कद्दावर तथा प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार के तौर पर उभर कर सामने आए। पार्टी ने सत्ता में वापसी के लिए अल्पसंख्यकों के साथ समीकरण बदलने पर जोर दिया।
हिंदुत्व के इस चेहरे को सबसे आगे करने के बावजूद पार्टी की एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किसी भी नेता के भाषण या पारित दस्तावेजों में राम मंदिर, समान आचार संहिता और धारा 370 जैसे भाजपा के मुख्य मुद्दे रहे विषयों को नहीं उठाया गया।
यही नहीं अधिवेशन में भाजपा और अल्पसंख्यकों के बीच समीकरण बदलने का आह्वान किया गया जिससे पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विकल्प के रूप में उभर सके और विपक्षी गठबंधन राजग का विस्तार हो सके।
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर अपने नाम की अटकलों के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने आज राष्ट्रीय परिषद के समापन सत्र में कहा कि अब विकल्प के रूप में भाजपा का समय आ गया है। कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता के साथ मिलकर काम करना है क्योंकि देश तो फैसला कर चुका है। और :प्रधानमंत्री पद के लिए: व्यक्ति कौन है और कौन नहीं, पार्टी में इसके कोई मायने नहीं है।
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अधिवेशन के समापन भाषण में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भाजपा और अल्पसंख्यकों के बीच पारस्परिक समीकरण बदलने चाहिए ताकि भारत के लोकतंत्र, विकास और राष्ट्रीय एकीकरण में मौलिक बदलाव लाया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने सुशासन और विकास के एजेंडा में अल्पसंख्यकों के प्रति वचनबद्धता के चार्टर को शामिल करते हुए इस दिशा में पहल करनी चाहिए
।
अधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में आगामी लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कहा गया, ‘‘समय आ गया है जब राजग का विस्तार हो और चुनाव होने पर निर्णायक बदलाव की उम्मीद जगाई जाए।’’ इसमें कहा गया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के कुशासन के खिलाफ भाजपा के नेतृत्व में राजग ही एकमात्र विकल्प है जो देश को सुशासन और विकास प्रदान कर सकता है। बैठक में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया गया कि वे इस उद्देश्य के लिए अपने आप को समर्पित कर दें।
अल्पसंख्यकों को साथ लाने पर जोर देते हुए आडवाणी ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि इस प्रयास में हम सफल होंगे। गोवा में हम ईसाई समुदाय के बड़े वर्ग के दिलों को जीतने में सफल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में यह जानकार खुशी हुई है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के खुद ब खुद किये जा रहे दुष्प्रचार के स्वभाव को समझना शुरू कर दिया।’’ मुसलमानों समेत अल्पसंख्यकों के भाजपा से जुड़ने का विश्वास जताते हुए आडवाणी ने कहा कि गुजरात के जामनगर में मुस्लिम बहुल आबादी वाले सलाया कस्बे में नगर निगम चुनाव में 25 साल में पहली बार भाजपा ने कांग्रेस को खदेड़ा। राज्य में नगर निगम की सभी 27 सीटों पर भाजपा जीती और विजयी उम्मीदवारों में 24 मुसलमान हैं। भाजपा के लिए यह सब एक शगुन साबित हुआ है।
आडवाणी ने कहा, ‘‘इन सब बातों ने मुझे यकीन दिलाया है कि देश के राजनीतिक माहौल को निर्णायक तरीके से कांग्रेस से भाजपा के नेतृत्व वाले विकल्प के पक्ष में बदला जा सकता है।’’ केंद्र की सत्ता में भाजपा की वापसी के लिए उन्होंने राजग का विस्तार करने और अधिक से अधिक जनता के वर्ग से जोड़ने की रणनीति पर जोर दिया।
मोदी ने आज पार्टी सदस्यों से कहा कि वे आगामी लोकसभा चुनाव को ‘‘स्वतंत्रता संग्राम’’ के रूप में लें और देशभक्ति के कार्य के तौर पर देश को कांग्रेस शासन से आजादी दिलाएं। बैठक में अपनी जय जयकार और करतल ध्वनि के बीच उन्होंने कहा कि भारत के सार्वजनिक जीवन के लिए कांग्रेस दीमक की तरह है और इस दीमक को पूरी तरह समाप्त करने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं का पसीना ही सबसे उत्तम दवाई है।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से देश को मुक्ति दिलाना देशभक्ति का बड़ा काम है । ‘‘यह वैसा ही होगा जैसे अंग्रेजों से मुक्ति मिली तो स्वराज आया। ऐसे ही कांग्रेस से मुक्ति मिलेगी तो सुराज आएगा।’’ भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा एक मिशन के लिए है तो कांग्रेस कमीशन के लिए है। देश कमीशन से मुक्ति चाहता है।
अधिवेशन में मोदी के बाद भाजपा में उभरते दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की खिंचाई करते हुए कहा कि वह सत्तारूढ़ दल के दूसरे ‘‘मौनी बाबा’’ हैं। उन्होंने कहा कि राहुल लोकसभा में कलावती की कहानी सुनाने के बाद शायद ही कुछ बोले हैं।
पार्टी अधिवेशन में 2014 के लोकसभा चुनावों के साथ इस साल कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा की गयी। राष्ट्रीय परिषद ने राजनाथ सिंह को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाये जाने के संसदीय बोर्ड के फैसले पर मुहर लगा दी। परिषद ने अध्यक्ष को संसदीय बोर्ड तथा केंद्रीय चुनाव समिति के विस्तार का अधिकार प्रदान किया। ऐसी संभावना है कि संसदीय बोर्ड में शीघ्र ही मोदी और शिवराज को शामिल कर लिया जाएगा। मोदी को केंद्रीय चुनाव समिति में भी अहम भूमिका दिये जाने की खबरें हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 3, 2013, 19:03