Last Updated: Wednesday, August 15, 2012, 15:38

नई दिल्ली: हिंसा प्रभावित असम में बेघर हुए लोगों के प्रति चिंता जताते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुरोध किया कि असम में विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास होना चाहिए ताकि उनका हाल कश्मीरी पंडितों जैसा नहीं हो जाए।
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फराहने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैं आज उन लोगों के लिए चिंता प्रकट करता हूं और मैं प्रधानमंत्री, जो संसद में असम का प्रतिनिधित्व करते हैं, से उम्मीद करता हूं कि उन्हें असम में बेघर हुए भारतीय लोगों के पुनर्वास के बारे में सबसे अधिक चिंता करनी चाहिए और इस दिशा में प्रयास करने चाहिए।’
आडवाणी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि असम में जातीय हिंसा के कारण बेघर हुए लोगों की हालत लाखों कश्मीरी लोगों की तरह नहीं हो जो हिंसा के बाद प्रदेश छोड़ गये और पुनर्वास की बातों के बावजूद कभी नहीं लौट सके।
उन्होंने कहा, ‘भारत के इतिहास में कश्मीर के लाखों लोग हिंसा के कारण बेघर हो गये और वे देश के दूसरे हिस्सों में चले गये। वे कभी लौट नहीं सके जबकि कई बार कहा गया कि ऐसे लोगों का पुनर्वास किया जाएगा।’ आडवाणी ने कहा, ‘असम के कोकराझार में लोगों के घर जलाये जाने के बाद उन्हें घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और आज उन्हें डर है कि उनकी हालत वैसी नहीं हो जाए।’ उन्होंने कहा कि असम में आदिवासियों पर हिंसक हमलों को सभी भारतीयों पर हमलों की तरह देखा जाना चाहिए। भाजपा नेता ने देश के अन्य हिस्सों में भी पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ हिंसा की निंदा की।(एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 15, 2012, 15:38