असम दंगे के खिलाफ मुंबई में हिंसा, 2 मरे, 52 घायल

असम दंगे के खिलाफ मुंबई में हिंसा, 2 मरे, 52 घायल

असम दंगे के खिलाफ मुंबई में हिंसा, 2 मरे, 52 घायलमुंबई : असम दंगों के खिलाफ आज यहां आयोजित विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से दो लोगों की मौत हो गई और 44 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 52 लोग घायल हो गये। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के वैन समेत वाहनों में आग लगा दी और पत्थर फेंके। पुलिस ने अराजक भीड़ को तितर बितर करने के लिये हवा में गोली चलाई और लाठीचार्ज किया ।

असम की हिंसा और पड़ोसी देश म्यांमा में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हमलों की निंदा के लिये शहर के एक संगठन रजा अकादमी के आह्वान पर आज दोपहर में बड़ी संख्या में लोग दक्षिण मुंबई स्थित आजाद मैदान में इकट्ठा हो गये। पूर्व पुलिस अधिकारी शमशेर खान पठान द्वारा बनाए गए राजनैतिक संगठन अवामी विकास पार्टी (एवीपी) ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक अराजक हो गए। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिये हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। इस घटना में कम से कम 54 लोग घायल हो गये। उनमें से दो की बाद में दक्षिण मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई। घायलों में कुछ मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।

नगर निकाय के एक अधिकारी ने कहा, दो युवक मोहम्मद उमर (22) और अल्ताफ शेख (18) जो हिंसा में घायल हुए थे और उनकी हालत गंभीर थी। सेंट जॉर्ज अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घायलों में ‘सकाल टाइम्स’ के प्रशांत सावंत और ‘द हिंदू’ के विवेक बेंद्रे समेत कुछ मीडियाकर्मी शामिल हैं। सभी घायलों को जे जे अस्पताल, सेंट जॉर्ज अस्पताल, जी टी अस्पताल और बांबे अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। पुलिस ने कहा कि अपराध शाखा से हिंसा की जांच करने को कहा गया है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने कहा कि हालात पर एक घंटे में नियंत्रण में लाया गया और इलाके में सामान्य स्थिति बहाल हो गई। घटनास्थल का दौरा करने वाले पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक ने कहा, समूचे शहर में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। हिंसा पूर्व नियोजित थी या नहीं इसका पता जांच के बाद ही चलेगा। पुलिस ने कहा कि वे मृतकों की पहचान की कोशिश कर रहे हैं । पूरे महानगर में धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है । आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है और यहां अक्सर प्रदर्शन होते रहते हैं । इस घटना के बाद भीड़ से भरे रहने वाला इलाका वीरान हो गया। पुलिस ने इलाके को घेर लिया और वह सड़कों पर गश्त लगा रही है । इस हिंसा के कारण कई उपनगरीय रेल सेवायें कुछ समय के लिये प्रभावित हुईं और सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ ।

पुलिस ने बताया, मीडिया के तीन ओबी वैन, तीन पुलिस वाहनों, दो मोटरसाइकिलों और एक सार्वजनिक परिवहन बस में आग लगा दी गई। बेस्ट की 40 बसों, दो चारपहिया और पांच दो पहिया वाहन पथराव की घटना में क्षतिग्रस्त हो गए। इस बीच, मुंबई प्रेस क्लब ने सरकार से हिंसा की विस्तृत जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने की मांग की। हिंसा की इस घटना में मीडिया को निशाना बनाया गया है। साथ ही उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई जिन्होंने हालात को नियंत्रण से बाहर जाने दिया। प्रेस क्लब ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मीडिया उपकरणों और वाहनों को हुई क्षति की लागत हिंसा में शामिल अपराधियों से वसूली जानी चाहिए।

इस बीच रजा अकादमी ने खुद को घटना से अलग करने की कोशिश की। अकादमी के महासचिव मोहम्मद सईद ने कहा, जब हम मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उस समय कुछ लोग आक्रामक हो गये और हिंसात्मक व्यवहार करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, हम कभी भी हिंसा को प्रोत्साहित नहीं करते और इस तरह के कार्यो की कड़ी निंदा करते हैं। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 11, 2012, 22:56

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