Last Updated: Saturday, November 10, 2012, 20:11

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शनिवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जनलोकपाल का आंदोलन कभी रुका नहीं, बल्कि यह लड़ाई जारी रहेगी। इसके मद्देनजर 30 जनवरी से देश का दौरा शुरू करुंगा। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली टीम से अलगाव के करीब दो महीने बाद अन्ना हजारे ने शनिवार को अपनी नई टीम की घोषणा की जो ‘गैर राजनीतिक’होगी। इस टीम में पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
अन्ना ने सभी आंदोलनकारी से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि जनलोकपाल की लड़ाई जारी रहेगी। सरकारी लोकपाल किसी भी सूरत में नहीं चलेगा। उन्होंने यूपीए सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि आज देश का सभी कुछ बिक रहा है। प्रकृति और प्राकृतिक संपदा का दोहन सबसे बड़ा खतरा बन गया है।
उन्होंने कहा कि अब सत्ता का विकेंद्रीकरण करना सबसे जरूरी है। विदेशी कंपनियों को देश आने से रोकना बहुत जरूरी हो गया है। सरकार जंगल, पानी, प्राकृतिक संपदा का निजीकरण कर रही है, जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भोगना पड़ेगा। अन्ना ने ग्राम सभा के महत्व पर खासा जोर देते हुए इसे अमल में लाने की वकालत की। अन्ना ने कहा कि बिहार से दौरे की शुरुआत की जाएगी।
अन्ना हजारे ने शनिवार को यहां घोषणा की कि महात्मा गांधी की पुण्य तिथि, 30 जनवरी, 2013 को वह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करेंगे। अन्ना ने एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि आज (शनिवार) हमारी पुरानी टीम के 13 सदस्यों की एक बैठक थी, जो पांच घंटे से अधिक समय तक चली। जल्द ही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक राष्ट्रीय अभियान शुरू होगा। मैं 30 जनवरी, 2013 से राष्ट्रव्यापी दौरा शुरू करूंगा।
अन्ना ने कहा कि यह गलत सूचना थी कि टीम समाप्त हो गई है। हमने 13 सदस्यीय टीम गठित की है, जो इस आंदोलन को आगे ले जाएगी। अन्ना ने यह भी कहा कि वह रविवार को दक्षिणी दिल्ली के सर्वोदय एनक्लेव में अपने नए कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा, "हमें देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट करना है, हमें व्यवस्था परिवर्तन के लिए एक क्रांति की आवश्यकता है। बैठक में किरण बेदी, व मेधा पाटकर सहित अन्य सदस्य शामिल हुए।
इस मौके पर बेदी ने कहा कि यह आंदोलन फिर से शुरू हो रहा है। यह आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं हो जातीं। गौरतलब है कि अन्ना ने अपने मुख्य सहयोगी अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक दल गठित करने के मुद्दे पर 19 सितम्बर को पूर्व टीम से खुद को अलग कर लिया था और राजनीतिक अभियान में उनके फोटो या नाम का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया था।
गौर हो कि आज घोषित नई टीम की पहली सूची में पूर्व सेना प्रमुख या पीवी राजगोपाल और राजेन्द्र सिंह एवं कृषि विशेषज्ञ देवेन्द्र शर्मा जैसे नाम शामिल नहीं हैं। राजगोपाल और सिंह ने पहले टीम अन्ना के साथ संबंध तोड़ लिए थे जबकि शर्मा ने केजरीवाल के नेतृत्व वाले समूह के राजनीतिक बनने का विरोध किया था।
सूत्रों ने कहा कि वी. के. सिंह को समन्वय समिति में विशेष आमंत्रित के रूप में शामिल किया जा सकता है। समूह की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया कि हजारे ने समन्वय समिति का पुनर्गठन किया है ताकि इंडिया अगेन्स्ट करप्शन आंदोलन में फिर से उर्जा का संचार किया जा सके। इससे केजरीवाल के नेतृत्व वाला समूह और यह टीम आमने सामने हो सकते हैं। भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन के राजनीतिक रूप लेने से हजारे ने केजरीवाल के नेतृत्व वाले समूह से नाता तोड़ लिया था।
First Published: Saturday, November 10, 2012, 17:53