Last Updated: Friday, September 14, 2012, 08:38

शिमला : संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल ने यहां गुरुवार को कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन की समीक्षा कर रहा अंतर मंत्रालय समूह (आईएमजी) 15 सितम्बर तक अपना काम पूरा कर सकता है, लेकिन यह एक कठिन काम है।
बंसल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आईएमजी उन कम्पनियों के कोयला ब्लॉकों की समीक्षा कर रहा है, जिन्होंने समय सीमा का पालन नहीं किया। यह आवंटन रद्द करने की सिफारिश नहीं कर सकता है। इसमें कई जटिलताएं हैं।
केंद्रीय मंत्री यहां भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पर उपजे भ्रम को दूर करने के लिए पहुंचे थे। सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार द्वारा 142 कोयला ब्लॉक के आवंटन से निजी कम्पनियों ने काफी अधिक लाभ कमाया।
उन्होंने कहा कि जिन्होंने हेराफेरी कर लाइसेंस हासिल किया है, उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। रद्द करना वैधानिक तौर पर, आर्थिक रूप से और राजनीतिक रूप से सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम 57 ब्लॉक का आवंटन रद्द कर निवेशकों में डर पैदा नहीं करना चाहते हैं।
आईएमजी कोयला मंत्रालय को उन ब्लॉकों को आवंटन रद्द करने की सिफारिश करेगी, जिसमें कम्पनी आखिरी संयंत्र स्थापित करने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि आवंटन की नीति पूरी तरह सही और पारदर्शी थी।
एक कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल का नाम सामने आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में आवंटित किया गया था और तब वह सांसद भी नहीं थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 14, 2012, 08:38