Last Updated: Friday, October 19, 2012, 11:07

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने पूर्व आईपीएस वाई पी सिंह के लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है। आईएसी ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि यह किसी भी बात को कहने का बिल्कुल गलत तरीका है कि हमने केंद्रीय मंत्री शरद पवार के खिलाफ लवासा प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की बातें जानबूझकर छिपाई। हमने जुलाई में शुरू हुए आंदोलन के दौरान ही शरद पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के सभी दस्तावेजों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था। हमने बीजेपी अध्यक्ष नीतीन गडकरी के बारे में भी खुलासा किया। तो शरद पवार के बारे में हम किसी भी जानकारी को क्यूं छिपाएंगे।
यह विज्ञप्ति सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि शरद पवार लंबे अरसे से अपनी कु्सी का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बात हम काफी वक्त से कहते आ रहे हैं। आईएसी 15 मंत्रियों के भ्रष्टाचार से लिप्त होने की बात कहती आ रही है और शरद पवार उनमें से एक हैं। शरद पवार के खिलाफ हमारी बातें पूर्व आईपीएस अफसर वाई पी सिंह के खुलासे के बाद और पुख्ता हो गई है।
गुरुवार को भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी से वकील बने वाईपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री शरद पवार और उनके करीबी रिश्तेदारों को भ्रष्टाचार के एक मामले में घसीटा। सिंह ने पवार और उनके रिश्तेदारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने विवादित लवासा हिल सिटी परियोजना के लिए एक निजी डेवलपर को कथित तौर पर अनुचित फायदा पहुंचाया।
पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह ने अजित पवार पर हमला करते हुए बड़ा खुलासा किया कि पुणे स्थित लवासा टाउनशिप को जमीन बिना किसी नीलामी के ही दे दी गई। वाईपी सिंह के मुताबिक शरद पवार के भतीजे और पूर्व सिंचाई मंत्री अजित पवार ने महाराष्ट्र कृष्णा घाटी विकास निगम की 141 हेक्टेयर (348 एकड़) जमीन 30 साल के नवीकरणीय लीज पर 2002 में लेक सिटी कॉरपोरेशन को दे दी जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सरासर उल्लंघन है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इतनी बड़ी जमीन सस्ते दर पर ही लेक सिटी कॉरपोरशन को 30 साल के लिए दे दी गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर जमीन का आवंटन किया।
First Published: Friday, October 19, 2012, 09:48