Last Updated: Tuesday, August 21, 2012, 22:09
नई दिल्ली : भारत ने उन वेबपेजों के इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेसी का पता लगाने के लिए अमेरिका और सउदी अरब से मदद मांगी है, जहां से रूपांतरित तस्वीरें और वीडियो देश में सामाजिक अशांति फैलाने के लिए अपलोड किए गए थे।
आग्रह पत्र (लेटर्स रोगेटरी) भेजकर इन दोनों देशों से तकनीकी ब्यौरा तथा आईपी एड्रेसी मांगे जा रहे हैं क्योंकि गूगल, फेसबुक और ट्विटर के कंप्यूटर सर्वर अमेरिका में हैं जबकि इन वेबपेजों पर कई उत्तेजक सामग्री सउदी अरब में अपलोड की गई थी। केंद्रीय गृहमंत्री आरके सिंह ने विदेश मंत्री रंजन मथाई को बड़ी संख्या में इन रूपांतरित तस्वीरों के स्रोत पाकिस्तान होने के बारे में अवगत कराया है।
गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आग्रह पत्र के माध्यम से जुटाई गई सूचनाएं अदालत में कानूनी सबूत के रूप में मान्य होती हैं और इन्हें पाकिस्तान के साथ भी साझा किया जाएगा। सरकार ने आज 65 नये वेबपेजों पर प्रतिबंध का आदेश दिया जिसके साथ ही ऐसे पेजों की संख्या 310 हो गई। इसी के साथ पाकिस्तान के दो दलों-जमात ए इस्लामी पाकिस्तान तथा पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ तथा वहां के एक निजी टीवी चैनल के नाम उन तस्वीरों और वीडियो में से कुछ में सामने आए हैं जो भारत में मुसलमानों को भड़काने के लिए विभिन्न वेबपेजों पर अपलोड किए गए थे। उसका परिणाम यह हुआ कि कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से पूर्वोत्तर के लोगों का बड़ी संख्या में पलायन हुआ। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 21, 2012, 22:09