Last Updated: Sunday, October 2, 2011, 10:42
नई दिल्ली. जय जवान जय किसान का नारा देने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का देश 107वां जन्म दिवस मना रहा है. शास्त्री जी ने सभी को स्वालंबन, आत्म सम्मान से जीने की सलाह दी.
स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में लालबहादुर शास्त्री ने पंडित नेहरू के निधन के बाद नौ जून 1964 को शपथ ली. वो 11 जनवरी 1966 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. इससे पहले शास्त्री जी को उत्तर प्रदेश का संसदीय सचिव एवं गोविंद बल्लभ पंत के मुख्यमंत्री कार्यकाल में प्रहरी एवं यातायात मंत्री बनाया गया था. यातायात मंत्री बनने पर उन्होनें प्रथम बार किसी महिला को संवाहक (कंडक्टर) के पद में नियुक्त किया. 1951 में वह जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में अखिल भारत कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गए.
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्तूबर 1907 को उत्तरप्रदेश के मुगलसराय में हुआ था. गृह मंत्रालय से लेकर रेल मंत्रालय जैसे कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने वाले शास्त्री जी को लोग बचपन में ‘नन्हे’ नाम से पुकारते थे.
एक रेल दुर्घटना के बाद संसद में बहस के उत्तर में लालबहादुर शास्त्री ने कहा था,‘मेरे छोटे कद और मृदुभाषी होने के कारण लोग अक्सर यह समझ लेते हैं कि मैं दृढ़ नहीं हूं. भले ही मैं शारीरिक रूप से मजबूत नहीं हूं, लेकिन मेरा मानना है कि मैं अंदरूनी तौर पर मजबूत हूं.’ शास्त्री जी ने रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेलमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
संयोगवश शास्त्री जी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म एक ही दिन हुआ है और उनका जीवन भी गांधी जी के आदर्श वाक्य ‘कर्म पूजा के समान है’ से प्रभावित रहा. लाल बहादुर शास्त्री का निधन 11 जनवरी 1966 को तत्कालीन सोवियत संघ के ताशकंद में हुआ था.
First Published: Sunday, October 2, 2011, 16:14