Last Updated: Thursday, September 12, 2013, 15:29
ज़ी मीडिया ब्यूरो/बिमल कुमार आगरा : समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर पार्टी के भीतर अब विरोध के सुर तेज हो गए हैं और पार्टी सख्त हो गई है। मगर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयानों के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि फिर से आजम खान की कोशिशें हो रही हैं। गौर हो कि सपा की आगरा में चल रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल न होने से आजम खान को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे।
आगरा में चल रही सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन जब मुलायम सिंह यादव मीडिया के सामने आए तो उन्होंने कहा कि आजम खान मुझसे नाराज नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि आजम खान हमसे कभी नाराज नहीं हो सकते। उन्हें कहीं जाना था, कुछ लोग आ रहे थे। वहीं चले गए होंगे लेकिन वो मुलायम से कभी नाराज नहीं हो सकते। मुलायम ने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज को परेशानियों को दूर करेंगे।
सपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी में किसी ने भी आजम खान के इस्तीफे की मांग नहीं की है। जबकि आज सुबह में पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा था कि अगर आजम खान अपने पद का सम्मान नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे दें।
इस बाबत जब मुलायम से पूछा गया कि आजम खान कैबिनेट बैठक में क्यों हिस्सा नहीं ले रहे हैं तो उन्होंने कहा कि ये मुख्यमंत्री का मामला है, सवाल उनसे ही पूछो।
इससे पहले, कार्यकारिणी बैठक में शामिल न होकर पार्टी और नेतृत्व को असहज महसूस कराने वाले आजम खान पर सपा सख्त हो गई। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं महासचिव राम गोपाल यादव ने गुरुवार को एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लगभग सारे नेता मौजूद रहे। आजम की गैर मौजूदगी से कोई फर्क नहीं पड़ता।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह अनुशासनहीनता है। इस पर राम गोपाल ने कहा कि ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में शामिल न होकर नेता अपना ही कद कम करता है। किसी नेता के ऐसे आचरण से पार्टी को नुकसान नहीं होता। आजम खान अखिलेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री होने के साथ सपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं। यादव ने कहा कि कार्यकर्ता उम्मीद करते हैं कि पदाधिकारी इस तरह की बैठकों में आएं। अगर पदाधिकारी अपने पद की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते तो वह इस्तीफा दे दें या अपनी जिम्मेदारी निभाएं और बैठक में आएं।
उधर, पार्टी के एक और महासचिव नरेश अग्रवाल ने भी राम गोपाल से सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि कोई नेता यह न समझे कि अल्पसंख्यक उनके कहने से सपा को वोट देते हैं। अल्पसंख्यक मुलायम सिंह यादव को वोट देते हैं। उन्होंने कहा कि किसी नेता को खुद को पार्टी से बड़ा नहीं समझना चाहिए। जिन लोगों ने खुद को पार्टी से बड़ा समझा उनका हश्र क्या हुआ, सभी को पता है।
बैठक के पहले दिन बुधवार को आजम की गैर मौजूदगी को लेकर सपा के नेता मीडिया के सवालों से घिरे रहे। सूत्रों के मुताबिक आजम की वजह से पैदा हुई इस असहज स्थिति से सपा नेतृत्व खासा नाराज है।
First Published: Thursday, September 12, 2013, 14:49