आडवाणी का झलका दर्द, बोले-यह मेरे सपनों की भाजपा नहीं| Advani

आडवाणी का झलका दर्द, बोले-यह मेरे सपनों की भाजपा नहीं

आडवाणी का झलका दर्द, बोले-यह मेरे सपनों की भाजपा नहींनई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को पार्टीजनों से कहा कि अयोध्या आंदोलन को लेकर ‘शर्मिन्दा’ होने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसकी बजाय इस पर गर्व करना चाहिए। आडवाणी ने कहा कि भाजपा और जनसंघ उससे मेल नहीं खाते, जैसी उन्होंने कल्पना की थी।

आडवाणी ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी के 33 वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में गर्व महसूस होता है कि उनके दल ने राम मंदिर और अयोध्या का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक मुद्दा है।

सपा नेता मुलायम सिंह की ओर से उनकी तारीफ किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब लोगों ने मुलायम सिंह के मुंह से मेरी प्रशंसा सुनी तो उन्हें चिंता हुई। मेरा मानना है कि अगर आप सही बात कहेंगे तो दुनिया उसे स्वीकार करेगी। झिझकिए नहीं, हीन भावना विकसित मत कीजिए। अगर हम अयोध्या मंदिर मुद्दे में विश्वास करते हैं और उसके लिए
आंदोलन चलाया, तो उसके लिए शर्मिन्दा मत हों, कभी नहीं, हमें उसमें गर्व होना चाहिए।’ मुलायम सिंह ने पिछले महीने आडवाणी को ईमानदार व्यक्ति बताते हुए कहा था कि भाजपा के इस वरिष्ठ नेता ने कभी झूठ नहीं बोला।

आडवाणी ने कहा कि उन्हें लोगों के यह कहने पर कोई आपत्ति नहीं है कि केवल अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन के बल पर भाजपा ने अपना समर्थन आधार बढ़ाया। आडवाणी ने पार्टी के लोगों से कहा कि वे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समझौता नहीं करें और इसके खिलाफ हिम्मत से आवाज से उठाएं। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के आलोचकों के इस आरोप को गलत साबित करके दिखाएं कि ‘भाजपा औरों से अलग नहीं बल्कि मतभेदों की पार्टी’ है।

पार्टीजनों ने उन्होंने कहा,‘आप हमारे आलोचकों की इस बात को गलत साबित कर सकते हैं। आप केवल ऐसा तभी कर सकते हैं जब आपके आचरण में कुछ गलत नहीं होगा। इसमें किसी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए।’

उन्होंने हालांकि, स्वीकार किया कि भाजपा और जनसंघ उससे मेल नहीं खाते, जैसी उन्होंने कल्पना की थी, लेकिन साथ ही माना कि पार्टी अभी भी देश के लिए बहुत कुछ अच्छा कर सकती है। भाजपा नेता ने कहा कि हिन्दू, भारतीय और इंडियन तथा हिन्दुत्व, भारतीयता और इंडियनइज़्म सब आपस में पर्यायवाची हैं।

पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो वह और अधिक विकेन्द्रीकरण करके राज्य सरकारों को और मजबूत करेगी। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 6, 2013, 16:28

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