Last Updated: Friday, July 12, 2013, 21:32
नई दिल्ली : मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज साफ किया कि भाजपा में उसके प्रतिनिधि सुरेश सोनी समन्वय का अपना काम देखते रहेंगे। संघ का यह बयान लालकृष्ण आडवाणी के लिए झटका माना जा रहा है। सोनी के कामकाज से नाखुश आडवाणी ने उन्हें हटाए जाने की मांग की थी।
भाजपा और संघ के सूत्रों ने कहा कि दोनों संगठनों के बीच समन्वयक पद से सोनी को हटाने की कोई योजना नहीं है और न ही इसकी संभावना है कि संघ के किसी और नेता को उस पद को साझा करने के लिए नियुक्त किया जाए। संघ नेता राम माधव ने ट्वीट किया, ‘कुछ अखबारों में छपी इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि श्री सुरेश सोनीजी दरकिनार किए गए हैं। वह भाजपा के लिए संघ के संपर्क व्यक्ति बने हुए हैं। कोई बदलाव नहीं हुआ है।’
ऐसी खबरें आयी थीं कि आडवाणी सोनी से नाखुश हैं क्योंकि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का मजबूती से समर्थन किया था। मोदी को भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त करने में भी सोनी ने अहम भूमिका निभायी थी।
संघ सूत्रों का कहना है कि उसके संयुक्त महासचिव का पद संभाल रहे सोनी को दरकिनार नहीं किया जाएगा। संघ नेतृत्व नहीं चाहता कि ऐसे समय में जब अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और उसके पश्चात लोकसभा चुनाव होने हैं, मौजूदा व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव हो।
सूत्रों ने बताया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत तथा महासचिव सुरेश भय्याजी जोशी ने भाजपा के मामलों में ज्यादा दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया है और यह प्रवृति जारी रहेगी। आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जुलाई की शुरूआत में पार्टी के मामलों पर चर्चा के लिए नागपुर का दौरा किया था। मोदी की तरक्की के विरोध में जब आडवाणी ने इस्तीफा दिया था तो उस वक्त भी भागवत ने दखल करके उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा था। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 12, 2013, 21:32