आतंकवाद का कोई रंग या धर्म नहीं : सरकार

आतंकवाद का कोई रंग या धर्म नहीं : सरकार

नई दिल्ली : सरकार ने आज एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद का कोई रंग, जाति या धर्म नहीं होता, कानून की नजर में सभी लोग बराबर हैं और कोई कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं होता है।

लोकसभा में बसुदेव आचार्य, यशवंत सिन्हा, मुलायम सिंह यादव, सौगत राय, शरीफुद्दीन शरीक के पूरक प्रश्न के उत्तर में गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि कानून धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है और मालेगांव कांड के अलावा कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया जिसमें हिरासत में लिये गए लोगों के खिलाफ मामला नहीं बना हो। अगर सदस्य किसी ऐसे मामले को सामने लाएंगे जिसमें किसी बेकसूर व्यक्ति को पकड़ा गया हो, तब सरकार निश्चित तौर पर उस पर गौर करेगी।

सिंह ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ 180 दिनों के भीतर आरोपपत्र दायर नहीं किया जाता है तब उसे जमानत मिल जायेगी। इस कानून की धारा 45 (2) के तहत लोगों की हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रावधान किये गए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई रंग, जाति या धर्म नहीं होता है, कानून की नजर में सभी लोग बराबर है और कोई कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं होता है।

नेशनल कांफ्रेंस समेत कई दलों के सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और इस विषय पर व्यापक चर्चा कराने की मांग करने लगे। तब लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि अगर सदस्य नोटिस देते हैं तब इस विषय पर अलग से चर्चा करायी जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 26, 2013, 12:33

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