'आतंकवाद से निपटने को समन्वित प्रयास जरूरी' - Zee News हिंदी

'आतंकवाद से निपटने को समन्वित प्रयास जरूरी'

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

 

नई दिल्ली : राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) पर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से उठाई गई  आपत्तियों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि आतंकवादी संगठन पहले से कहीं अधिक सक्रिय और घातक हो गए हैं, इसलिए हमें आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए मिलजुलकर समन्वित प्रयास करने होंगे।

 

आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सिंह ने कहा कि इस बात पर कोई सवाल नहीं खडा किया जा सकता कि आतंकवाद से निपटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्यों के तंत्र की है। केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करने को तत्पर है और उन्हें वे सभी प्रभावी संस्थागत साधन देने को तैयार है, जिनकी उन्हें इस समस्या का सामना करने के लिहाज से आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के अन्य मामलों की तरह आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए हमें संयुक्त और समन्वित प्रयास की जरूरत है फिर चाहे उसका उदगम देश में हो या देश से बाहर और चाहे उसकी प्रेरणा कोई भी हो । यह ऐसा संघर्ष है, जिसमें हम आराम से नहीं बैठक सकते।

 

उन्होंने कहा कि पिछले साल फरवरी से लेकर अब तक आंतरिक सुरक्षा की स्थिति कुल मिलाकर संतोषजनक रही है। इसके लिए राज्यों और केन्द्र की सरकार के प्रयासों की सराहना करने की जरूरत है। आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, धार्मिक कटटरता और जातीय हिंसा को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती मानते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन चुनौतियों से कड़ाई, किन्तु संवेदनशील ढंग से निपटना होगा और लगातार सतर्क रहना होगा। सिंह ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि केंद्र और राज्य को आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर एकजुट होकर काम करना होगा।

 

आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, धार्मिक कटटरता और जातीय हिंसा को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती मानते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि इन चुनौतियों से कड़ाई किन्तु संवेदनशील ढंग से निपटना होगा और लगातार सतर्क रहना होगा।  इन चुनौतियों से कड़ाई से निपटने की आवश्यकता है लेकिन पूरी संवेदनशीलता के साथ। ’ मनमोहन सिंह ने वामपंथी उग्रवाद की मिसाल देते हुए कहा कि जहां तक माओवादियों की हिंसा में मारे गये लोगों का सवाल है, 2011 के हालात 2010 की तुलना में बेहतर रहे । लेकिन हमें अभी भी लंबा रास्ता तय करना है ।

 

उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए मजबूत एवं प्रभावशाली संस्थागत तंत्र स्थापित करने के इरादे से केन्द्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।  प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के लिहाज से जम्मू-कश्मीर के हालात काफी सुधरे हैं । परिणामस्वरूप राज्य में 2011 के दौरान पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या काफी बढी है । वहां पंचायत चुनाव सफल रहे और इससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर की जनता हिंसा और आतंकवाद के साये से निकलकर सामान्य जीवन जीने की इच्छा रखती है ।

 

उन्होंने कहा कि कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में हालात पेचीदा रहे । हिंसा की घटनाओं के लिहाज से स्थिति हालांकि कुछ सुधरी है । सिंह ने उम्मीद जतायी कि पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं के कार्यान्वयन से सामान्य स्थिति बहाल करने के हालात पैदा होंगे।

 

पीएम ने कहा कि सीमावर्ती राज्य, जम्मू एवं कश्मीर में कानून-व्यवस्था में जाहिर तौर पर सुधार हुआ है।लेकिन प्रधानमंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में स्थिति अभी भी जटिल बनी हुई है।  पुलिस के आधुनिकीकरण, तटीय सुरक्षा योजना और सीमा क्षेत्र विकास योजना पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि देश को सुरक्षित बनाने के लिए कर्मियों की गुणवत्ता सुधारने हेतु अपने तरीके से काम करते हुए इन योजनाओं को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

 

इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 2011 में हिंसा में कमी आई है, चाहे जम्मू कश्मीर हो, पूर्वोत्तर हो या वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य हों। उन्होंने कहा कि असम माओवादी समूहों के नये निशाने के तौर पर उभरा है और पश्चिम में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा सीमापार घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील बने हुए हैं।

First Published: Monday, April 16, 2012, 23:17

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