Last Updated: Saturday, September 8, 2012, 14:09

नई दिल्ली : देश में समग्र नौवहन जागरूकता योजना की पुरजोर वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि ऐसे संकेत है कि आतंकी समूह समुद्री मार्ग के इस्तेमाल करने की क्षमता बनाये हुए हैं। पुलिस निदेशकों और महानिरीक्षकों की तीन दिवसीय बैठक की समाप्ति पर सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जम्मू कश्मीर में हमें नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि देखने को मिली है। ऐसे संकेत मिले हैं कि आतंकवादी समूह समुद्र मार्ग का इस्तेमाल करने की क्षमता बनाये हुए हैं। उन्होंने कहा, इसलिए न केवल जमीनी सीमा पर सतर्कता बनाये रखने की जरूरत है बल्कि तटीय क्षेत्र में भी सजग निगरानी की जरूरत है । नौसेना के नेतृत्व में नौवहन जागरूकता से जुड़ी समग्र योजना से तटीय निगरानी को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही अधिक संख्या में स्थायी सीमा चौकियों और बेहतर सेंसर के इस्तेमाल से सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
इंटेलीजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित समारोह के दौरान मनमोहन ने हालांकि किसी आतंकवादी समूह का नाम नहीं लिया ,लेकिन पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन ने नवंबर 2008 में समुद्र मार्ग का इस्तेमाल करते हुए मुम्बई पर हमले को अंजाम दिया था जिसमें 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में आतंकी खतरा चिंता का विषय बना हुआ है।
उन्होंने कहा, हालांकि 19 प्रयासों को रोका गया लेकिन पिछले वर्ष आतंकवादी मुम्बई और दिल्ली और इस वर्ष पुणे को निशाना बनाने में कामयाब रहे। इस मामले में जांच अभी पूरी नहीं हुई है। मनमोहन ने कहा कि उनकी सरकार सुदृढ़ साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार करने की दिशा में काम कर रही है जो खतरा प्रबंधन, निपटारा, आश्वासन और प्रमाणन समेत क्षमता निर्माण और शोध कार्यो को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
सरकार की योजना में निजी क्षेत्र को शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए सिंह ने कहा, हमारे देश को साइबर आपराध से जुड़ा खतरा बढ़ता जा रहा है क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था और महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना काफी हद तक स्वतंत्र कम्प्यूटर नेटवर्क और इंटरनेट पर निर्भर है। उन्होंने कहा, हमारी महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना और अर्थव्यवस्था पर बड़े पैमाने पर कम्प्यूटर हमलों का विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 8, 2012, 12:55