Last Updated: Monday, May 14, 2012, 09:36
नई दिल्ली : एनसीईआरटी की पुस्तक में प्रकाशित कई कार्टूनों में राजनीतिकों की खराब छवि पेश किए जाने पर संसद में सदस्यों की नाराजगी के बीच मानव संसाधन विकास कपिल सिब्बल ने आज कहा कि यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोराट के नेतृत्व में नौवीं से 11वीं कक्षा के पुस्तकों में प्रकाशित सामग्रियों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
सिब्बल ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि थोराट समिति विभिन्न पाठ्यपुस्तकों की समग्रियों की समीक्षा करने के बाद एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार या सदन का कोई भी सदस्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है। अगर ऐसा कार्टून समाचारपत्रों में प्रकाशित होता है तब हम इसे हास्य विनोद के अंदाज में लेते हैं। लेकिन ऐसे कार्टून जिसमें राजनीतिज्ञों को खराब रूप में दर्शाया गया हो, इनका पाठ्यपुस्तक में प्रकाशन करने से बाल मन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
सिब्बल ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उनका भी मानना है कि ऐसे कार्टूनों का प्रकाशन पाठ्यपुस्तक में नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में अंबेडकर और राजनीति तथा राजनीतिकों के बारे में विवादास्पद कार्टूनों को शामिल करने में अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाएगी। मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि पाठ्यपुस्तकों में विवादास्पद कार्टूनों को शामिल करने जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
(एजेंसी)
First Published: Monday, May 14, 2012, 15:06