Last Updated: Friday, April 12, 2013, 20:01
नई दिल्ली : अमेरिका ने आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी की हत्या का खतरा बढ़ जाने की आशंका जताई थी। इस बात का खुलासा विकीलीक्स की ओर से जारी अमेरिका के कूटनीतिक दस्तावेज में किया गया है।
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से फरवरी 1976 में वाशिंगटन में विदेश मंत्रालय को भेजे गए दस्तावेज में उस समय के राजनैतिक और आर्थिक हालात पर टिप्पणी की गई है। इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने के एक साल बाद भेजे गए दस्तावेज में कहा गया है कि नौकरशाही और सुरक्षा बल का मनोबल गिर सकता है और वे घुसपैठ के लिए संवेदनशील हो सकते हैं।
श्रीमती (इंदिरा) गांधी या उनके पुत्र की हत्या का खतरा बढ़ सकता है। दस्तावेज में दावा किया गया है कि आपातकाल के खिलाफ हिंसक प्रतिरोध का स्तर मामूली रहा है। इसमें कहा गया है कि बंबई-ठाणे औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिक अशांति हो सकती है जहां एक करोड़ (लोग) रहते हैं। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री (गांधी) का शांतिपूर्ण प्रतिरोध के लिए निराशाजनक परिदृश्य विपक्ष के भीतर लोगों को और हिंसक टकराव के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। दस्तावेज में कमजोर होती अर्थव्यवस्था से गांधी की स्थिति पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव का भी उल्लेख है। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 12, 2013, 20:01