Last Updated: Friday, November 16, 2012, 21:28
नई दिल्ली : आयरलैंड में भारतीय दंत-चिकित्सक सविता हलप्पानवार की असामयिक मौत का मामला तूल पकड़ने के बाद भारत ने आज आयरलैंड के राजदूत को तलब कर अपनी ‘चिंता और नाराजगी’ जताई। डॉक्टरों ने आयरलैंड के एक ‘कैथलिक देश’ होने की दुहाई देकर सविता के 17 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात कराने से इंकार कर दिया था और इसी वजह से उनकी मौत हो गई।
अपने जवाब में राजदूत ने भरोसा दिलाया कि आयरलैंड चाहता है कि सविता की मौत जिन हालात में हुई उनकी जांच में वह पूरा सहयोग प्रदान करे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) मधुसूदन गणपति ने आयरलैंड के राजदूत फीलिम मैक लॉफलिन को तलब किया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘आयरिश राजदूत के साथ अपनी मुलाकात में सचिव (पश्चिम) ने सविता की असामयिक और दर्दनाक मौत के बाबत भारत की चिंताएं और नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हम इस बात से नाखुश हैं कि एक नौजवान जिंदगी का असामयिक निधन हो गया।’
सचिव ने यह उम्मीद भी जताई कि मामले की जांच स्वतंत्र तरीके से की जाएगी और डबलिन में भारतीय राजदूत को जांच की प्रगति और नतीजों से अवगत कराया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि आयरलैन्ड के राजदूत ने ऐसे संकेत दिए कि किन-किन बिंदुओं पर जांच की जाएगी यह तय किया जा चुका है और इसे जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। इस बीच, आयरलैंड में भारतीय राजदूत ने भी वहां की सरकार के सामने इस मामले को उठाया है।
गौरतलब है कि आयरलैन्ड के डॉक्टरों ने 31 साल की सविता के 17 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात कथित तौर पर इसलिए कराने से इंकार कर दिया क्योंकि आयरलैंड एक कैथलिक देश है। सविता के पति और पेशे से इंजीनियर प्रवीण हलप्पानवार ने आयरिश मीडिया से कहा कि उनकी पत्नी ने तीन दिनों के दौरान कई दफा कहा कि उनका गर्भपात करा दिया जाए लेकिन इससे इंकार कर दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 16, 2012, 21:28