‘आयोग के अधिकारों में कटौती की योजना नहीं' - Zee News हिंदी

‘आयोग के अधिकारों में कटौती की योजना नहीं'

 

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को ऐसी खबरों से इनकार किया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता को निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखकर इसे कमजोर करने की योजना बनाई जा रही है। केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार पर मंत्रियों का समूह (जीओएम) आचार संहिता को निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकालने और नियमों को संवैधानिक दर्जा देने के प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा। उन्होंने साफ कहा कि मंत्री समूह की ऐसी कोई योजना नहीं है।

 

संवाददाताओं से बातचीत में खुर्शीद ने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक, ऐसा कोई एजेंडा नहीं है। जहां तक मैं समझता हूं, इस पर सहमति है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद चुनाव सुधार के मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक होगी, जिसकी कोशिश निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही है।

 

खुर्शीद ने कहा कि मैं चुनाव सुधार पर होने वाली बैठक के एजेंडे के बारे नहीं बता सकता, क्योंकि इस बारे में हमें जानकारी बैठक के दौरान ही मिलेगी। यदि किसी राजनीतिक पार्टी या नेता द्वारा यह मुद्दा उठाया जाता है तो हम इसे बैठक के दौरान उठाएंगे।"

कांग्रेस नेता ने इस पर हैरानी भी जताई कि आखिर भ्रष्टाचार पर मंत्रियों के समूह का आचार संहिता से क्या लेना हो सकता है? उन्होंने कहा कि आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया का विस्तृत क्षेत्र है। सम्भव है कि प्रशासन या भ्रष्टाचार से इसका कुछ सम्बंध हो, लेकिन यह भ्रष्टाचार से मुख्य रूप से सम्बद्ध नहीं है। फिर भ्रष्टाचार पर मंत्रियों के समूह का इससे क्या लेना हो सकता है? केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहली बार सामने आया है और मंत्री समूह के एजेंडे में कुछ नहीं है। मैं जीओएम में हूं। मेरे सामने यह मुद्दा नहीं आया है, न ही कोई बैठक हुई है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव है।

 

कंपनी मामलों के केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने हालांकि कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का निर्णय सुविचारित होगा, जैसा कि इसने हमेशा निर्वाचन आयोग की स्वायत्तता का समर्थन किया है।

 

आचार संहिता चुनाव संहिता एवं प्रक्रिया का विस्तृत क्षेत्र है। संभव है कि प्रशासन या भ्रष्टाचार से इसका कुछ संबंध हो, लेकिन भ्रष्टाचार से मुख्य संबंध नहीं है। इससे पहले, ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि केंद्र सरकार ने इस मामले में एक ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है। इस मसले पर बुधवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्री समूह की बैठक होने वाली है जिसमें इस मसले पर चर्चा की जाएगी।

 

मंत्रियों के समूह का मानना है कि अगर आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो उस मामले की सुनवाई कोर्ट में होनी चाहिए। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) इस मामले में बैठक कर चुका है। गौरतलब है कि अब तक मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट मामले के उल्लंघन पर कार्रवाई खुद चुनाव आयोग करता रहा है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि समय आ गया है कि चुनावों में रिफॉर्म की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव आयोग को भी अपने नियमों में बदलाव के बारे में सोचना चाहिए।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 22, 2012, 12:49

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