Last Updated: Saturday, April 7, 2012, 18:15
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने यह कहते हुए दिवंगत इंदिरा गांधी की भूरि-भूरि प्रशंसा की कि वह एकमात्र ऐसी नेता थी जो आतंकवाद के खिलाफ अडिग रहीं। इसी के साथ संघ ने भाजपा के जसवंत सिंह की इस बात के लिए आलोचना की कि वह भारतीय बंधकों को रिहा कराने के लिए कश्मीरी आतंकवादियों को अपने साथ लेकर गए।
ओडिशा के हाल के बंधक प्रकरण पर अपने संपादकीय में आरएएस मुखपत्र आर्गेनाइजर ने कहा है कि अपहरण और बंधक की रिहाई के बदले कैदियों को छोड़ने के बारे में न तो केंद्र की और न ही राज्यों की स्पष्ट नीति है।
आर्गेनाइजर ने अपने संपादकीय में कहा है, ‘इंदिरा गांधी 1984 में बतौर प्रधानमंत्री मकबूल भट को फांसी पर चढ़ाने से पीछे नहीं हटीं जबकि कश्मीरी आतंकवादियों ने 48 वर्षीय भारतीय राजनयिक रवींद्र महात्रे को बंधक बना लिया था। उन्हें आतंकवादियों ने मार डाला। तब से शायद ही ऐसा कोई अवसर आया जब सरकार अपने रूख पर अडिग रही।’
पत्र ने 1999 के कांधार प्रकरण की चर्चा कर जसवंत सिंह की खिंचाई की। पत्र में कहा गया है कि एक सुविचारित नीति जरूरी है ताकि यह संदेश जाए कि भारत एक कमजोर राष्ट्र नहीं है, वरना पूरा आतंकवाद निरोधक अभियान एक मजाक बनकर रह जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, April 7, 2012, 23:45