आरटीआई का सोनिया ले रहीं श्रेय, जिंदल बना रहे निशाना

आरटीआई का सोनिया ले रहीं श्रेय, जिंदल बना रहे निशाना

आरटीआई का सोनिया ले रहीं श्रेय, जिंदल बना रहे निशानाज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली : सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून को लेकर यह विडम्बना ही है कि एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस कानून को लाने का श्रेय ले रही हैं तो दूसरी ओर उनकी पार्टी के ही सांसद नवीन जिंदल आरटीआई कार्यकर्ताओं को दबाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहे।

गुरुवार को कर्नाटक के मेंगलोर में एक रैली को सम्बोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि यह राजग नहीं संप्रग था जिसने आरटीआई कानून लोगों को दिया।

वहीं, रायगढ़ के आरटीआई कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल ने ‘ज़ी न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में आरोप लगाया कि उन्हें मारने के लिए सुपारी दी गई क्योंकि वह रायगढ़ में जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड की महात्वाकांक्षी योजनाओं के लिए एक बड़ी बाधा साबित हो रहे थे। अग्रवाल ने कहा कि उन्हें पक्का यकीन है कि उनकी हत्या कराने की साजिश नवीन जिंदल ने रची थी।

आरटीआई कार्यकर्ता ने जिंदल ग्रुप के बारे में स्पष्ट रूप से कहा, पहले वह आपको खरीदने की कोशिश करते हैं और इसमें सफल न होने पर वे फिरौती जैसे फर्जी मामले दर्ज करा आपको धमकाते हैं और इसमें भी वे जब सफल नहीं हो पाते तो वे आपकी हत्या करा देते हैं।

संप्रग के सहयोगी दल राकांपा सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने अग्रवाल पर हुए हमले की निंदा करते हुए उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है। राकांपा ने मामले में कार्रवाई की मांग की है भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने भी अग्रवाल पर हुए हमले की निंदा की है।

औद्योगिक परियोजनाओं के चलते होने वाले औद्योगिक प्रदूषण और विस्थापन से अपने आरटीआई के जरिए स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए मशहूर 56 वर्षीय रमेश अग्रवाल को इस साल के जुलाई में रायगढ़ स्थित उनके कार्यालय में गोली मारी गई। हालांकि, अग्रवाल इस हमले में बच गए लेकिन गम्भीर चोट की वजह से वह आज भी बिस्तर छोड़ नहीं पाए हैं।

अग्रवाल के मुताबिक फर्जी फिरौती मामले में जमानत मिलने के ठीक बाद उन्हें दो गोली मारी गई। समझा जाता है कि अग्रवाल की शिकायत पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जेएसपीएल के तामनार पावर प्लांट की मंजूरी खारिज किए जाने के बाद जिंदल ग्रुप ने उनके खिलाफ पांच करोड़ रुपए की फिरौती का मामला दर्ज कराया।

अग्रवाल की वजह से ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल’ ने जिंदल ग्रुप को तामनार में कोयला ब्लॉक आवंटन निरस्त कर दिया। समझा जाता है कि इसकी वजह से जिंदल ग्रुप खासतौर पर अग्रवाल को अपने निशाने पर लिया।

अग्रवाल पर गोलीबारी के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया जबिक मामले में दो लोगों के आत्मसमर्पण ने जिंदल ग्रुप की कलई खोल दी। मामले में एक आरोपी के.के. चोपड़ा जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड को सुरक्षा प्रदान करने वाली एसएफएसएस कम्पनी में सुरक्षा निदेशक है। जबकि दूसरा आरोपी एस.एन.पाणिग्रही ओडिशा के आंगुल में जिंदल के संयंत्र में सुरक्षा का डिप्टी जीएम है।


First Published: Sunday, October 21, 2012, 13:58

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