आरुषिकांड: नूपुर जेल में, जमानत पर फैसला आज - Zee News हिंदी

आरुषिकांड: नूपुर जेल में, जमानत पर फैसला आज

ज़ी न्यूज ब्यूरो

 

गाजियाबाद: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने आरुषि तलवार और हेमराज हत्याकांड में सोमवार को आरुषि की मां व दंत चिकित्सक नूपुर तलवार की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार को होगी। अदालत का फैसला आने के तुरंत बाद नूपुर को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें डासना जेल ले जाया गया है, जहां वह बैरक संख्या 13 में 59 अन्य महिलाओं के साथ रात बिताएंगी।

 

नूपुर नोएडा में वर्ष 2008 के बहुचर्चित आरुषि तलवार और हेमराज हत्याकांड में पति राजेश तलवार के साथ सह-आरोपी हैं। सीबीआई दंडाधिकारी प्रीती सिंह ने निर्देश के बावजूद अदालत में उपस्थित नहीं होने के कारण नूपुर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जिसके बाद वह अदालत में पेश हुई थीं। नूपुर हरे व सफेद रंग के सलवार कुर्ते में पति राजेश तलवार के साथ सफेद सेडान से सुबह करीब 10.30 बजे अदालत परिसर पहुंचीं। टेलीविजन चैनल के सदस्यों और पत्रकारों से बचाने के लिए उन्हें पूर्वाह्न् 11.30 बजे पीछे के रास्ते से प्रीती सिंह की अदालत में ले जाया गया। यहां उन्होंने आत्मसमर्पण किया, जिसके तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद नूपुर ने अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दी, जिसका सीबीआई ने विरोध किया। यहां करीब 15 मिनट तक सुनवाई चली। इसके बाद प्रीती सिंह ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई सत्र न्यायाधीश भारत भूषण करेंगे और नूपुर तब तक उनकी अदालत में ही रहेंगी। करीब दो बजे न्यायाधीश भूषण ने कहा कि इस मामले की सुनवाई सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश एस. लाल करेंगे।

न्यायाधीश लाल ने इस मामले पर सुनवाई अपराह्न् तीन बजे शुरू की। उसी समय पत्रकारों को अंदर जाने दिया गया। न्यायाधीश लाल ने नूपुर की अंतरिम जमानत याचिका पर करीब 20 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और इसके बाद इसे खारिज कर दिया। उन्होंने नूपुर को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश देते हुए कहा कि उनकी नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को होगी। इसके बाद नूपुर को गिरफ्तार कर लिया गया और गहरे नीले रंग के टाटा सूमो से डासना जेल ले जाया गया।

नूपुर शाम करीब 5.30 बजे डासना जेल पहुंची। उनकी तुरंत चिकित्सा जांच कराई गई और उन्हें चार चादर तथा इतने ही कम्बल दिए गए। उन्होंने कुछ किताबें मांगी हैं, जो उन्हें दी जाएंगी। जेल अधीक्षक विजेश राज शर्मा ने कहा कि उनके साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं किया जाएगा। न्यायाधीश लाल की अदालत में नूपुर के वकील जीपी थरेजा ने दो उदाहरणों का उल्लेख करते हुए अपनी मुवक्किल को अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया। पहला, वर्ष 2007 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला, जिसमें न्यायालय ने कहा था कि यदि सवाल व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हो तो नियमित या अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए।

 

दूसरा उदाहरण उन्होंने सीबीआई की ओर से कुछ समय पहले प्रीती सिंह की अदालत में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट का दिया, जिसमें कहा गया था कि नूपुर और राजेश के खिलाफ कई फॉरेंसिक जांच से स्पष्ट होता है कि वे इस मामले में दोषी नहीं हैं। राजेश फिलहाल जमानत पर हैं। इसका जिक्र करते हुए नूपुर के वकील थरेजा ने कहा कि नूपुर या राजेश के खिलाफ सीबीआई कोई सुराग नहीं दे पाई। जब सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी तो उसने राजेश को नियमित जमानत देने का अनुरोध किया था। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रीती सिंह ने उन्हें जमानत दी थी। वकील के अनुसार, राजेश की ही तरह यह तथ्य नूपुर पर भी लागू होता है कि नोएडा और दिल्ली में उनके दो घर तथा दो क्लीनिक हैं, इसलिए उनके भागने की कोई आशंका नहीं और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने अपना पासपोर्ट भी अदालत में दे रखा है।

वहीं, सीबीआई के वकील आरके सैनी ने यह कहते हुए नूपुर को अंतरिम जमानत देने का विरोध किया कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सीबीआई ने महिला होने के आधार पर नूपुर को जमानत देने की बचाव पक्ष के वकील की दलील का भी विरोध किया। सीबीआई ने कहा कि यह जमानत का आधार नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नूपुर को दंडाधिकारी की अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था और कहा था कि वह वहीं जमानत के लिए अर्जी दे सकती हैं।

First Published: Tuesday, May 1, 2012, 09:01

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