Last Updated: Thursday, July 26, 2012, 12:52

नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल विधेयक पारित कराए जाने की मांग को लेकर टीम अन्ना ने बुधवार से जंतर-मंतर पर अनिश्चतकालीन अनशन शुरू कर दिया। उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (वित्त मंत्री रहते हुए) सहित करीब दो दर्जन मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग की। अनशन का नेतृत्व टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, जबकि समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि यदि सरकार उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के मामलों पर अंकुश लगाने में नाकाम रही तो वह 29 जुलाई से अनशन करेंगे। अन्ना हजारे अभी केवल धरना पर बैठ रहे हैं।
धरना स्थल पर पहुंचने से पहले अन्ना हजारे ने केजरीवाल तथा दो अन्य सहयोगियों- मनीष सिसौदिया और गोपाल राय के साथ महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। टीम अन्ना को जंतर-मंतर पर आठ अगस्त तक अनशन की अनुमति मिली है, जब संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है।
अनशन शुरू होने से पहले अन्ना हजारे ने संवाददाताओं से कहा कि हम प्रभावी लोकपाल विधेयक पेश करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस सरकार ने हमारे साथ कई मौकों पर धोखा किया। धरनास्थल पर भ्रष्टाचार के आरोपी सभी मंत्रियों की तस्वीरें थीं, जबकि मुखर्जी की तस्वीर को कपड़े से ढका गया था। केजरीवाल ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को मुखर्जी के खिलाफ सबूत दिए थे, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब राष्ट्रपति के रूप में उन्हें किसी भी तरह की जांच से उन्मुक्ति प्राप्त होगी। इसलिए हमने उनका चेहरा ढका है।
इस बीच, धरना स्थल पर कुछ युवाओं ने खुद को कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) का सदस्य बताते हुए हंगामा किया और अन्ना हजारे तथा कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारेबाजी की व मंच पर चढ़ने का प्रयास किया। टीम अन्ना के एक सदस्य ने बताया कि एनएसयूआई के कुछ सदस्यों ने मंच पर जहां अन्ना हजारे बैठे थे, वहां प्रवेश करने की कोशिश की। लेकिन वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक दिया। वे अन्ना के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
एनएसयूआई ने हालांकि इससे सम्बंध होने से इंकार किया। एनएसयूआई दिल्ली के प्रभारी मोहित शर्मा ने को बताया कि इस घटना में दिल्ली एनएसयूआई की कोई संलिप्तता नहीं है। यह एक आधारहीन आरोप है। यदि इस घटना में हमारे किसी सदस्य की संलिप्तता पाई गई तो हम उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे। कांग्रेस ने भी टीम अन्ना के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह एनएसयूआई का नाम लेकर विवाद पैदा करना चाहती है।
प्रधनमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि ये निराधार आरोप हैं। इसमें कोई तथ्य नहीं है, यह अस्वीकार्य है। वे एनएसयूआई का नाम लेकर इस मामले में विवाद पैदा करना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा कि टीम अन्ना के सदस्यों को प्रदर्शनकारियों को कब्जे में लेना चाहिए था। सोनी ने कहा कि एनएसयूआई के सदस्य प्रदर्शन करने क्यों जाएंगे? उन्होंने (टीम अन्ना) प्रदर्शनकारियों की आवाज रिकॉर्ड की तो उन्हें कब्जे में क्यों नहीं लिया? यह ध्यान भटकाने का प्रयास है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 26, 2012, 12:52