Last Updated: Wednesday, May 30, 2012, 17:53

नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के आरोप साबित होने पर सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की घोषणा के बाद टीम अन्ना ने बुधवार को इन आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर ये आरोप गलत साबित हुए तो उन्हें बेहद खुशी होगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से सीधा हमला झेल रही टीम अन्ना ने बुधवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के लिए उसके मन में `बेहद सम्मान` है, लेकिन जानना चाहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी कहां दर्ज कराई जाए।
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री के लिए हमारे मन में बेहद सम्मान है। लेकिन हम जानना चाहते हैं कि किसी आरोपी मंत्री के खिलाफ कौन सी एजेंसी प्राथमिकी दर्ज करेगी। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वह आरोप लगा रहे हैं, बल्कि कोयला ब्लाक आवंटन में नियंत्रक एचं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अगर प्रधानमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत साबित होते हैं, तो उन्हें बेहद खुशी होगी। लेकिन यह कैसे साबित होगा? इसके लिए हमें स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की जरूरत होगी। केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप आधारहीन, दुर्भाग्यपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना है। हम उनसे कहना चाहते हैं कि ये आरोप हमने नहीं लगाए बल्कि कैग के हैं जो संवैधानिक निकाय है।
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि क्या वह कैग की रिपोर्ट को गैर जिम्मेदाराना मानते हैं जिसमें कोयला ब्लाक के आवंटन में करदाताओं के 1.80 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का उल्लेख किया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल इन आरोपों पर कहा था कि भारत की जनता इस बात का फैसला करे कि प्रधानमंत्री ने क्या कसूर किया है कि इतने कठोर शब्द उनके लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। अगर मैंने ऐसी कोई बेइमानी की है तो मैं सार्वजनिक जीवन से सन्यास ले लूंगा, मेरा तमाम पब्लिक करियर चाहे वो वित्त मंत्री के रूप में हो, राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में या प्रधानमंत्री के रूप में, एक खुली किताब है।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि, ‘कोई भी अगर इल्जाम लगाता है तो उसे साबित करे और अगर उसमें जरा भी सच निकलता है तो मैं अपना सार्वजनिक जीवन त्याग दूंगा और देश मुझे कोई भी सजा दे सकता है। लेकिन ऐसे शब्द जो बिना किसी वजहों के उपयोग किए जा रहे हैं, मेरा मानना है कि भारत में जनता को यह तय करना चाहिए कि क्या इस तरह की राजनीति देश पर राज करेगी।
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने आज कहा कि टीम अन्ना की ओर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों पर यकीन करना बेहद मुश्किल है। हालांकि, खुद भी टीम अन्ना के सदस्य हेगड़े ने स्पष्ट किया कि यदि कोई ऐसे दस्तावेज हैं जिनसे किसी तरह की अनियमितता की बात साबित होती है तो मामले की जांच करायी जानी चाहिए। हेगड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री को इतने सालों तक देखने के बाद उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर यकीन करना मेरे लिए बेहद मुश्किल है। हालांकि, यदि किसी ने कहा है कि यह एक दस्तावेजी रूप में है तो मेरा मानना है कि इसकी जांच होनी चाहिए। कर्नाटक के लोकायुक्त रहे हेगड़े की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब प्रधानमंत्री ने यह बयान दिया था कि कोयले के ब्लॉक के आवंटन के मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप यदि साबित हो गए तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
प्रशांत भूषण ने कहा कि उन्हें बिंदुवार और तथ्य दर तथ्य आधार पर अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। पूर्व आईपीएस अधिकारी और टीम की सदस्य किरण बेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री शीर्ष व्यक्ति हैं। यदि उनके बराबर के लोगों के बारे में किसी तरह की शंका है तो सचाई जानने के लिए एक एसआईटी का गठन बेहतर नेतृत्व होगा। प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी पर कि लोगों को तय करना चाहिए कि क्या देश में इस प्रकार (टीम अन्ना) की राजनीति चलेगी, केजरीवाल ने कहा कि वे राजनीति नहीं करते हैं। केजरीवाल ने कहा कि हम आम लोग हैं जो भ्रष्टाचार और महंगाई से प्रभावित हैं। हम ऐसी राजनीति का विरोध कर रहे हैं जो अभी देश में चल रही है। आज राजनीति बच्चों के मुंह से निवाला छीन रही है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं जबकि कुछ मंत्रियों को घोटाला करने और अधिक अमीर बनने की इजाजत दी जा रही है।
जनता पार्टी के प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी ने टीम अन्ना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं और उनके खिलाफ अभियोग चलाने की मांग कर रहे हैं लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह (प्रधानमंत्री) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की किस धारा के तहत प्रथम दृष्टया दोषी हैं। स्वामी ने कहा कि टीम अन्ना हमेशा नक्सली मानसिकता वाले लोगों से घिरी रही। वक्त आ गया है कि अन्ना हजारे टीम अन्ना के अधिकतर सदस्यों को छोड़ दें और भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य समिति (एसीएसीआई) एवं रामदेव का साथ दें। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 30, 2012, 17:53