Last Updated: Monday, January 14, 2013, 12:44

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मथुरा: शहीद हेमराज के परिवार ने कहा है कि अगर आर्मी चीफ बिक्रम सिंह यहां आएंगे तो वह अपना अनशन खत्म देंगे। हेमराज का परिवार अभी तक अनशन पर है और उनका कहना है कि शहीद हेमराज के अंतिम संस्कार के मौके पर राज्य और केंद्र का कोई भी नुमाइंदा नहीं पहुंचा।
इससे पहले ज़ी न्यूज़ स्टूडियो में हेमराज के चाचा ने कहा कि हम इस बात को कैसे सहन कर सकते हैं कि उसके शहीद भतीजे का पार्थिव देह जब यहां आया तो उसे श्रद्धांजलि देने तक की जहमत किसी सरकारी नुमाइंदे ने नहीं समझी। सोचिए, शहीद की पत्नी और उसके बच्चे पर क्या बीत रही होगी। उसके बारे में भी तो सोचना चाहिए।`
शहीद हेमराज के गांव में ज़ी न्यूज़ संवाददाता ने जब शहीद की पत्नी से बात की तो धर्मवती का कहना था, `हमें हमारे पति का सिर दिला दो। वह 7 फरवरी को छुट्टी लेकर घर आने वाले थे।` यह कहते-कहते हेमराज की पत्नी फफक पड़ी।
नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से किए गए हमले में पाक सैनिकों द्वारा दो भारतीय सैनिकों की जघन्य हत्या से पूरा देश सदमे के साथ गुस्से में भी है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा शहीद हेमराज के परिवार की उपेक्षा को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई है। पाक सैनिकों ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा से 100 मीटर अंदर घुसकर भारतीय सेना के गश्ती दल पर हमला कर लांस नायक हेमराज और सुधाकर सिंह की हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं, पाक सैनिक शहीद हेमराज का सिर भी काटकर भी ले गए।
लांस नायक हेमराज को उसके पैतृक गांव खैरर (मथुरा जिला) में `हेमराज अमर रहें` की ध्वनि के बीच पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया था। हेमराज की चिता को मुखाग्नि उसके पांच साल के बेटे प्रिंस ने दी। हेमराज के परिवार में उसकी पत्नी धर्मवती, मां मीना, दो बेटियां निर्मल (8) व कल्लो (3) और बेटा प्रिंस के अलावा भाई पूरन और जय सिंह हैं। पिता का दो साल पहले निधन हो गया था।
First Published: Monday, January 14, 2013, 12:44