Last Updated: Monday, October 29, 2012, 18:05

नई दिल्ली : कार्टूनिस्टों के हाथों में समाज का दर्पण होने की बात करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज सुझाव दिया कि देश को ‘‘नेहरू युग’’ में लौटना चाहिए और ऐसी मानसिकता विकसित करनी चाहिए जिसमें आलोचना को भी जगह मिले।
दिवंगत कार्टूनिस्ट पी.के.एस कुट्टी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, कार्टूनिस्टों के हाथ में हमारे सार्वजनिक जीवन का दर्पण होता है जो हमें अपने आप को एक राष्ट्र के तौर पर देखने में मदद करता है। राष्ट्रपति ने कहा, एक राष्ट्र के तौर पर हमें निश्चित तौर पर नेहरू युग में लौटना चाहिए और ऐसी मानसिकता विकसित करनी चाहिए जो आलोचना का भी स्वागत करे और जहां टिप्पणियां तो स्वतंत्र हों लेकिन तथ्यों को भी उचित स्थान मिले। जानेमाने कार्टूनिस्ट कुट्टी का निधन पिछले साल 22 अक्तूबर को अमेरिका में हो गया था। वह 90 वर्ष के थे।
कुट्टी के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के आधुनिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक इतिहास में उनका अहम योगदान रहा है। मुखर्जी ने कहा, कुट्टी केरल से आए थे। दिल्ली में रहे और बंगाली अखबारों के लिए कार्टून बनाया । लिहाजा कुट्टी सही मायने में भारतीय थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 29, 2012, 18:05