इंटरनेट पर फिर जोर पकड़ रही है चिट्ठाबाजी

इंटरनेट पर फिर जोर पकड़ रही है चिट्ठाबाजी

नई दिल्ली: फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के चलते पिछड़ रहा ब्लॉग यानी ऑनलाइन चिट्ठाबाजी का प्रचलन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है जिसमें लोग लम्बी लम्बी टिप्पणियां और लेख लिखते हैं। यह प्रवृत्ति फेसबुक ओर अन्य सोसल नेटवर्किंग साइटों पर की जाने वाली संक्षिप्त टिप्पणियों से कुछ अलग है।

तकनीकी कौशल से लैस पीढ़ी का आकषर्ण फेसबुक और ट्विटर की ओर बढ़ा है लेकिन वास्तविकता यह भी है कि लेखन के जरिये अपने विचार से लोगों को परिचित कराने में विश्वास करने वाले लोग में आनलाइन चिट्ठा लिखने का रुझान फिर जोर पकड़ने लगा है।

आर्थिक मुद्दों पर ब्लॉग के जरिये अपने विचारों से रूबरू कराने वाले गौरव मिश्रा ने कहा, ‘ब्लॉग का दायरा बढ़ रहा है। इन दिनों ब्लॉग लिखने वाले लोग किताब, शोधपत्र और दूसरी चीजे लिख रहे हैं। यह देखने की बात है कि लोग फेसबुक और ट्विटर से चिटठा जगत में लौट रहे हैं।’ यह देखना मजेदार है कि किस तरह से समान रूचि वाले लोग एक दूसरे से जुड़े होते हैं।

ब्लॉगर अक्षिता जैन और अंकुर बराज के साथ विभिन्न लोगों को जोड़ने के लिए ब्लॉगथन इंडिया शुरु करने वाले करन भुजबल ने कहा, ‘प्रत्येक ब्लॉगर के पास वैचारिक रिश्तों की मजबूत डोर होती है और उनका एक समुदाय बन जाता है।’ विपणन क्षेत्र के विशेषज्ञ भी ब्रांड और उपभोक्ता के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के माध्यम के तौर पर दूसरे सोशल नेटवर्कों के मुकाबले चिट्ठाजगत को अधिक क्षमतावान मानते हैं।

बेलकिन इंडिया के प्रबंध निदेशक मोहित आनंद ने कहा, ‘जिस गति से युवा पीढ़ी इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियों की ओर आकषिर्त हो रही है सामाजिक मीडिया रणनीति बनाने में समीक्षात्मक ब्लॉगिंग एक अहम भूमिका निभाता है।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 20, 2012, 15:28

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