इंसानों पर दवाओं के परीक्षण पर केंद्र से जवाब तलब

इंसानों पर दवाओं के परीक्षण पर केंद्र से जवाब तलब

इंसानों पर दवाओं के परीक्षण पर केंद्र से जवाब तलब
नई दिल्ली : दवा कंपनियों द्वारा अपनी दवाओं के क्लीनिकल परीक्षण के लिए इंसानों को कथित रूप से ‘बलि का बकरा’ बनाए जाने पर गंभीर रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोट ने सोमवार को केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों से इन आरोपों पर जवाब तलब किया है।

न्यायाधीश आरएम लोढा और न्यायाधीश एआर दवे की पीठ ने इस मसले पर केंद्र सरकार से ऐसे मामलों में अब तक यदि कुछ मौतें हुई हैं तो उनका भी ब्यौरा मांगा है। इसके साथ ही पीठ ने केंद्र से ऐसी दवाओं के दुष्प्रभावों और पीड़ितों या उनके परिजनों को दिए गए मुआवजे की भी जानकारी चाही है।

न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य अधिकार मंच द्वारा दाखिल की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न फार्मा कंपनियों द्वारा देशभर में बड़े पैमाने पर अपनी दवाओं के क्लीनिकल परीक्षण में भारतीय नागरिकों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

उच्चतम न्यायालय ने अतिरिक्त महाधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि हम एक पंक्ति का निर्देश भी जारी कर सकते हैं कि बहुत से लोगों को प्रभावित करने वाले इस प्रकार के सभी क्लीनिकल परीक्षणों पर आगे रोक लगायी जाए। हम इस बारे में बेहद गंभीर हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 8, 2012, 14:06

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