Last Updated: Saturday, February 2, 2013, 12:59
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : महाकुंभ में संतों की 7 फरवरी की बैठक को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संरक्षक अशोक सिंघल ने `इतिहास बदलने वाला` बताया है। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मुद्दे को अब न्यायालय के निर्णय पर नहीं छोड़ा जा सकता और इस पर संसद को शीघ्र निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही है। 2061 तक हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे। ऐसे में मुसलमानों को कई शादियां और अनगिनत बच्चे करने की आजादी पर अंकुश लगाना ही होगा।
सिंघल ने कहा कि भगवान रामलला को कपड़े के मंदिर से मुक्त कर उनके गौरव के अनुरूप 70 एकड़ परिसर में विशाल मंदिर का निर्माण कर पुनर्प्रतिष्ठित किया जाए। उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयाग में चल रहा महाकुंभ बहुत महत्वपूर्ण है जिसमें संत ज्वलंत विषयों पर निर्णय लेंगे। इस बार सबसे अहम मुद्दा रामलला को कपड़े के मंदिर से मुक्त कर उनके गौरव के अनुरूप विशाल मंदिर में प्रतिष्ठित करना है। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए संतों ने महाजागरण अनुष्ठान का निर्णय लिया है।
संतों एवं धर्माचार्यों द्वारा विजय महामंत्र श्रीराम जय राम जय जय राम के अनुष्ठान का सुझाव दिया गया है। महाकुंभ में चार फरवरी को देश की मिट्टी में जन्मे सभी संप्रदायों के वरिष्ठ आचार्यों का परस्पर मिलन कार्यक्रम आचार्य महामंडलेश्वर, गुरु शरणानंदजी महाराज के शिविर में होगा। उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी जिसमें सभी विषयों की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सात फरवरी को धर्मसंसद एवं संत महासम्मेलन शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती के शिविर में होगा।
सिंघल के बयान पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने सिंघल, शाहनवाज हुसैन, मुख्तार अब्बास नकवी, लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है कि वे उन्हें हिंदुत्व का मतलब समझाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे पर जनता को ठगा है। वह सत्ता में आते ही भगवान राम को भूल जाती है और चुनाव आते ही फिर याद करने लगती है।
First Published: Saturday, February 2, 2013, 12:59