Last Updated: Thursday, April 26, 2012, 06:47
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : सभी मौसमों में काम करने वाले राडार इमेजिंग उपग्रह (रीसैट-1) के सफल प्रक्षेपण से उत्साहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान दो जीएसएलवी और एक पीएसएलवी का प्रक्षेपण करेगा तथा 2014 में जीएसएलवी के जरिए चंद्रयान-2 अभियान को अंजाम देगा।
रीसैट-1 के प्रक्षेपण के तुरंत बाद इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 2014 में होगा। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। इसे जीएसएलवी के जरिए अंजाम दिया जाएगा, छह महीने के अंतराल में जीएसएलवी के दो प्रक्षेपणों के बाद। इसरो उपग्रह केंद्र के निदेशक टीके एलेक्स ने कहा कि इसरो चंद्रयान-2 पर रूसी वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है। हम स्थान के चयन को लेकर चर्चा करेंगे जैसे कि हमें कहां उतरना है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित अन्य कार्य प्रगति पर हैं।
इस वित्त वर्ष में दो भूस्थतिक उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (जीएसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के प्रक्षेपण पर राधाकृष्णन ने कहा कि इसरो ने 2010 की विफलता का अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि अब जीएसएलवी को एक हजार सेकंड के स्थायित्व परीक्षण और तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित तरल प्रणोदक प्रणाली केंद्र के विशेष प्रतिष्ठान में एक निर्वात परीक्षण से गुजारा जाएगा, जहां 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्वात परीक्षण प्रतिष्ठान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि एक बार हमें जमीनी परीक्षण टीम से हरी झंडी मिल जाए, फिर हम जीएसएलवी प्रक्षेपण के लिए तैयार होंगे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 26, 2012, 16:18