Last Updated: Tuesday, February 14, 2012, 04:48
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीनई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में पीएम निवास के पास इजरायली दूतावास की कार में हुए ब्लास्ट में ईरान का हाथ माना जा रहा है। मोसाद की टीम इजरायल से नई दिल्ली पहुंच चुकी है। सुरक्षा एजेंसियों को मिले पुख्ता सबूत के मुताबिक हमला ईरान और इजरायल के बीच झगड़े का नतीजा है। इस हमले को लेकर गृह मंत्रालय की एक अहम बैठक चल रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर कहा जा रहा है कि सीसीटीवी कैमरों से कुछ अहम सुराग मिले हैं। खान मार्केंट के कैमरों और औरंगजेब रोड के बंगलों में भी कुछ सुराग मिले हैं। हालांकि इन अहम सुरागों का अभी खुलासा नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि भूरे रंग की जैकेट पहने शख्स पर शक जताया जा रहा है जो बाइक पर सवार था। दूसरी तरफ खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस वारदात में 4-5 आतंकी शामिल हो सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि आतंकी अभी दिल्ली में ही मौजूद हैं। इधर इस हमले की जांच के लिए इजरायल से मोसाद की टीम भी दिल्ली पहुंच चुकी है। मोसाद इजरायल की खुफिया एजेंसी है।
धमाकों के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतेन्याहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि ईरान पूरी दुनिया में आतंक फैलाना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत और जॉजिया की घटनाओं को पीछे ईरान और उसके संरक्षण में पल रहा हिजबुल्ला है। हाल के महीनों में अजरबैजान, थाईलैंड और कुछ अन्य स्थानों पर भी ऐसो हमलों को नाकाम किया गया है।
ईरान ने इन आरोपों का खंडन किया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम इजरायल की ओर से लगाए गए आरोप को सिरे से खारिज करते हैं। भारत और जॉर्जिया की घटनाओं में हमारा कोई हाथ नहीं है। ईरान हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ है। हम खुद आतंकी घटनाओं का शिकार रहे हैं।
First Published: Tuesday, February 14, 2012, 17:44