Last Updated: Thursday, March 29, 2012, 13:19
नई दिल्ली : भारत, चीन, रुस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ‘ब्रिक्स’ ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बन रही स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि समस्या का हल बातचीत और राजनयिक प्रयासों के जरिये किया जाना चाहिए। ब्रिक्स देशों ने ईरान के खिलाफ किसी भी तरह की सैनिक कारवाई के खिलाफ चेतावनी देते हुये कहा कि इसके घातक परिणाम होंगे।
ब्रिक्स देशों के यहां चल रहे शिखर सम्मेलन में पांचों देशों ने सीरिया की स्थिति पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सीरिया में हिंसा और मानवाधिकारों के उल्लंघन को तुरंत रोके जाने की अपील की। नेताओं ने सीरिया के खुद के प्रयास से राजनीतिक प्रक्रिया के जरिये समस्या के समाधान पर जोर दिया। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ, रुस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव, ब्राजील की राष्ट्रपति दिलमा रोसेफ और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुम्मा ने यहां बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर जो परिस्थितियां बन रही हैं उसे लेकर हम चिंतित हैं।
घोषणापत्र में कहा गया है कि ईरान से जुड़ी परिस्थतियों को लड़ाई में तब्दील नहीं होने दिया जाना चाहिये, इसके घातक परिणाम किसी के भी हित में नहीं होंगे। नेताओं ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को निभाते हुए परमार्ण उर्जा का शांतिपूर्ण कार्यों के लिये इस्तेमाल करने के ईरान के अधिकार को मान्यता देते हैं। ब्रिक्स सम्मेलन के घोषणापत्र में ईरान के संबंध में मुद्दों का राजनीतिक और राजनयिक तरीकों और संबंधित पक्षों के बीच बातचीत के जरिये करने के प्रस्ताव का समर्थन किया गया है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 29, 2012, 21:50