'उग्रवादियों के हिंसा का कोई लाभ नहीं' - Zee News हिंदी

'उग्रवादियों के हिंसा का कोई लाभ नहीं'



नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि उग्रवादी संगठनों विशेषकर पूर्वोत्तर के ऐसे ही संगठनों ने महसूस कर लिया है कि हिंसा से कोई लाभ नहीं है और उनकी समस्याओं के समाधान का एकमात्र रास्ता शांति वार्ता है।

 
चिदंबरम ने कहा कि पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों से निपटने के लिए 2009 और 2010 से केन्द्र सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर पूरी प्रतिबद्धता से प्रयास शुरू किए। उन्होंने सातवें पूर्वोत्तर व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि अधिकतर उग्रवादी संगठनों ने महसूस किया है कि हिंसा से कोई रास्ता नहीं निकलेगा । समस्याओं के समाधान का एकमात्र रास्ता वार्ता है।

 
चिदंबरम ने कहा कि यह अच्छी बात है कि अधिकतर उग्रवादी संगठन बातचीत के इच्छुक हैं और पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों में कोई संघर्ष नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि उग्रवादी समूह जबरन धन वसूली से अपना काम चलाते हैं और व्यवसायी अकसर उनकी मांग पूरी कर देते हैं। ‘ मैं जिम्मेदारी से कहता आया हूं कि धन वसूली के ये रैकेट बंद होने चाहिए।’ गृह मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार पूर्वोत्तर की सभी राज्य सरकारों की पूरी मदद कर रही है ताकि वे सुनिश्चित कर सकें कि धन वसूली न हो और फिरौती के लिए अपहरण बंद हों।

 
उन्होंने बताया कि पिछले साल इस तरह की घटनाओं में नाटकीय ढंग से कमी दर्ज की गयी है। साथ ही यकीन जताया कि 2012 में हालात और बेहतर होंगे। चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने पश्चिम बंगाल में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, असम में यूपीडीएस के साथ शांति समझौता किया। ‘ उल्फा, एनएससीएन के दोनों धडे आईएम और के तथा एनडीएफबी बातचीत के मूड में दिख रहे हैं। एनएससीएन-आईएम के साथ औपचारिक वार्ता चल रही है। उल्फा के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है और मुझे यकीन है कि एनडीएफबी के साथ भी बातचीत जल्द चालू होगी। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 6, 2012, 14:36

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