Last Updated: Saturday, June 1, 2013, 21:46

लातूर (महाराष्ट्र) : देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दरकार जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को इस बात पर चिंता जताई कि विश्व स्तर पर भारतीय विश्वविद्यालय शीर्ष संस्थाओं में नहीं गिने जाते।
दयानंद शैक्षणिक सोसायटी की स्वर्ण जयंती समारोह के समापन कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा, `दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में आज अपने देश का एक भी विश्वविद्यालय नहीं है। यह स्थिति बदलनी चाहिए।` उन्होंने कहा कि ज्ञान संपन्न समाज और शैक्षिक विस्तार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें शिक्षा की सुलभता और इसके कम खर्चीलेपन पर जोर देना होगा।
वर्ष 2012-14 के लिए वैश्विक विश्वविद्यालय रैंकिंग में एक भी भारतीय विश्वविद्यालय को जगह नहीं मिली है। कुछ भारतीय विश्वविद्यालय कुछ विषयों के लिए शीर्ष 50 में जगह पाने में कामयाब हुए हैं। विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय का अंग्रेजी विभाग शीर्ष 50 में गिना गया है। दिल्ली और बम्बई आईआईटी के कंप्यूटर साइंस और सूचना पद्धति विभाग भी शीर्ष 50 में जगह पाने में कामयाब रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि विशेष रूप से शिक्षा क्षेत्र का विस्तार हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 1, 2013, 21:46